बौलीवुड की सुपरहिट फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ में दिखाया गया चांचड़ भवन यानी ब्रिटिश काल की ऐतिहासिक धरोहर ‘गार्टन कैसल’ में लगी हाल की आग से ऐतिहासिक इमारतों का वजूद व गौरव एक बार फिर से संकट में आ गया है. कैसे, बता रहे हैं विजयेंद्र शर्मा.

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला का गौरव मानी जाने वाली ऐतिहासिक धरोहर ‘गार्टन कैसल’ धूधू कर जल उठी. ब्रिटिशकाल का सचिवालय व मौजूदा समय में महालेखाकार कार्यालय के रूप में इस्तेमाल हो रहे गार्टन कैसल से 28 जनवरी को करीब तड़के साढ़े 3 बजे आग की लपटें उठती दिखाई दीं और देखते ही देखते 2 मंजिलें खाक हो गईं. महालेखाकार कार्यालय के 266 में से

70 कमरे राख हो गए और करोड़ों रुपए की संपत्ति स्वाहा हो गई. इस भीषण अग्निकांड में लाखों कर्मचारियों से जुड़ा रिकौर्ड भी स्वाहा हो गया. आग की चपेट में कर्मचारियों की पैंशन का ओरिजनल रिकौर्ड, स्टेट वाउचर, पेपरबिल, कुछ जीपीएफ का रिकौर्ड, एचबीए रिकौर्ड, औडिट रिकौर्ड सहित अन्य अहम कागजात भी जल गए.

महालेखाकार कार्यालय के जो 70 कमरे आग की भेंट चढ़े उन में एंटीक फ्लोर के 30 कमरे थे, जिन में औडिट व पैंशन फंड से संबंधित रिकौर्ड था. कर्मचारियों का जीपीएफ से संबंधित कुछ रिकौर्ड भी जल गया, जबकि बचा हुआ रिकौर्ड आग बुझाने के लिए इस्तेमाल की गई पानी की बौछारों से खराब हो गया.

उधर, महालेखाकार कार्यालय के कर्मचारियों व अफसरों का कहना है कि जीपीएफ से जुड़ा कर्मचारियों का रिकौर्ड कंप्यूटर में सेफ है. ये कंप्यूटर आग भड़कने से पहले सुरक्षित बाहर निकाले जा चुके थे. कंप्यूटर, फाइनैंस वाउचर, सर्विस बुक, इंस्पैक्शन रिकौर्ड भी आग की भेंट चढ़ गया लेकिन यह रिकौर्ड भी कार्यालय के पास बैकअप के रूप में उपलब्ध है. सब से बड़ी बात यह है कि महालेखाकार के चारों सर्वर फेस, जिन में कंप्यूटर से जुड़ा रिकौर्ड रखा जाता है, वे सेना के जवानों की मदद से सुरक्षित निकाल लिए गए थे.

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