Superstition : भारतीय जनता पार्टी के सांसद अंधविश्वास के जाल में फंसे हुए हैं. छत्तीसगढ़ के कांकेर में एक मेले में घटी अजीबोगरीब घटना सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारे जनप्रतिनिधि वास्तव में हमारे हितों का ध्यान रख रहे हैं?
छत्तीसगढ़ संपूर्ण देश के अन्य राज्यों में अभी भी काफी पिछड़ा हुआ माना जाता है. जहां जादू टोना और नर बली की घटनाएं घटित हो जाती हैं. ऐसे में हाल ही में बस्तर के कांकेर में भारतीय जनता पार्टी के एक सांसद मेले में पहुंचे और देखतेदेखते लोगों की आस्था का केंद्र बन गए. सांसद महोदय नाचनेझूमने लगे और कहा गया कि उन्हें तो देवी आ गई है. इस घटनाक्रम से एक बार फिर दुनिया भर में संदेश चला गया कि छत्तीसगढ़ में आम से आमआदमी तो अंधविश्वास में फंसा हुआ है ही यहां के सांसद भी इस अंधविश्वास के जाल में फंसे हुए हैं.
एक तरफ विज्ञान और आधुनिक समय लोगों को चेतना संपन्न बनाने का काम कर रहा है, दूसरी तरफ अगर जनप्रतिनिधि इस तरह की हरकतें करते सार्वजनिक रूप से देखेंगे तो क्या देश और समाज क्या पतन की ओर नहीं जाएगा यह बड़ा सवाल है.
बस्तर अंचल में पिछड़ेपन की समस्या
दरअसल, केंद्र सरकार को यह संज्ञान में लेना चाहिए कि सांसद का नाग के मेले में घूमने और देवी की कृपा का दावा करने से लोगों में यह संदेश जा सकता है कि उन्हें भी इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए और देवी की कृपा प्राप्त करने के लिए ऐसा ही व्यवहार करना चाहिए. इस से लोगों में अंधविश्वास और गलत धारणाएं पैदा हो सकती हैं. इस से राजनीतिक नेताओं की विश्वसनीयता और ईमानदारी पर सवाल उठ सकते हैं. आम जनता जो अपने नेताओं के आचरण को देखते हैं और इस दिशा में भ्रम का शिकार हो जाते हैं.
इसलिए, यह जरूरी है कि लोगों को सही जानकारी और शिक्षा प्रदान की जाए ताकि वे ऐसे गलत संदेशों से बच सकें और सही दिशा में आगे बढ़ सकें. आज विज्ञान के समय में, ऐसी घटनाओं को स्वीकार करना गलत है. वस्तुत: विज्ञान के अनुसार, हमें किसी भी घटना को तर्कसंगत और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए.
सारी दुनिया जानती है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में पिछड़ेपन की समस्या है, और ऐसी घटनाओं को स्वीकार करने से यह समस्या और बढ़ सकती है. लोगों को शिक्षा और विज्ञान के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है, ताकि वे ऐसी घटनाओं को तर्कसंगत दृष्टिकोण से देख सकें और पिछड़ापन से मुक्ति पा सकें. इसलिए, यह जरूरी है कि हम ऐसी घटनाओं को तर्कसंगत और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें और लोगों को शिक्षा और विज्ञान के बारे में जागरूक करें.
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