सवाल
क्या यह बात सच है कि जो लड़कियां शादी से पहले अपना पेट गिरवा चुकी होती हैं, शादी के बाद उन के बच्चे गूंगेबहरे पैदा होते हैं? इस की पूरी जानकारी दें?

जवाब
यह बात पूरी तरह से झूठी है कि गर्भपात कराने से अगले बच्चे में कुछ कंजेनिटल गड़बडि़यां आ सकती हैं. इन गड़बडि़यों का पता जन्म से पहले भ्रूण में लगाया जा सकता है जिस के लिए एक उपाय सैलेक्टिव गर्भपात है. गर्भपात अब भी बहुत ज्यादा विवादित और नैतिकता से जुड़ा मामला है, जिसे ले कर आमतौर पर भ्रूण के जीवन जीने की स्वतंत्रता और चयन करने के औरतों के अधिकार के बीच की लड़ाई को ले कर बहस होती रहती है.

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गर्भपात के साइड इफैक्ट्स

कई वजहों से किसी महिला को गर्भपात कराना पड़ जाता है. कई बार अनचाहे गर्भधारण के कारण भी ऐसा कदम उठाना पड़ता है, जबकि कई बार भ्रूण की कुदरती खामियों या गर्भधारण से जुड़ी घातक स्वास्थ्य स्थितियों के कारण दंपती गर्भ गिराने का फैसला लेते हैं. वजह चाहे जो भी हो, गर्भपात कराने से महिला पर मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से असर पड़ता है. गर्भपात किसी भी लिहाज से सुरक्षित नहीं है. कुछ शोध बताते हैं कि कुछ महिलाएं गर्भपात कराने के बाद राहत महसूस करती हैं, जबकि कुछ अनचाहे गर्भपात या मिसकैरिज के कारण अवसादग्रस्त हो जाती हैं. महिलाओं में राहत और अवसाद की वजह भी अलगअलग होती है.

गर्भपात कराने के बाद जितने शारीरिक साइड इफैक्ट्स होते हैं, उतने ही मानसिक साइड इफैक्ट्स भी होते हैं. गर्भपात कराने के बाद शारीरिक इफैक्ट्स से कहीं ज्यादा भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक असर देखा गया है और इस में मामूली खेद से ले कर अवसाद जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. गर्भपात कराने के बाद किसी ऐसे अनुभवी प्रोफैशनल से सभी खतरों के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा कर लेना बहुत जरूरी है जो आप के सभी सवालों और उन से जुड़ी आशंकाओं का जवाब दे सके.

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