सवाल
मैं 62 वर्षीया महिला हूं. घर में एक बेटा, बहू और 2 पोते हैं. मेरी बहू ने कुछ सालों पहले ही अपना खुद का बुटीक खोला और तब से ही उस में बिजी रहने लगी. इस बुटीक के चलते उस की दोस्ती कई लोगों से हो गई है. इन्हीं लोगों में उस का एक बड़ा ही घनिष्ठ दोस्त है जो घर आताजाता रहता है. उस पुरुष से मुझे अपनी बहू की दोस्ती अच्छी नहीं लगती. मेरे बेटे को तो इस से कुछ फर्क नहीं पड़ता लेकिन महल्लेपड़ोस के लोग बातें बनाने लगे हैं. क्या करें?
जवाब
देखिए, आप की बहू आज के जमाने की कामकाजी महिला है. आप का बेटा इस बात को समझता है, इसीलिए अपनी पत्नी के दोस्त और उन के परिवार के घर आनेजाने से उसे किसी तरह की परेशानी नहीं है. मेरा सुझाव आप के लिए यही है कि आप को भी अपनी सोच में परिवर्तन लाना चाहिए. वे दिन बीत गए जब बहुओं का काम केवल घर में पड़े रह कर सासससुर की सेवा करना होता था. आजकल बहुएं भी कामकाजी हैं और उन्हें भी पूरा हक है कि अपने अनुसार काम कर सकें व दोस्त बना सकें. जब आप के बेटे को आप की बहू के दोस्त से कुछ परेशानी नहीं, तो आप को भी नहीं होनी चाहिए. महल्लेपड़ोस का तो काम ही होता है बातें बनाना. इस का यह मतलब नहीं कि उन की बातों पर गौर किया जाए.
आप को यदि उस व्यक्ति के व्यवहार से परेशानी है तो इस बारे में आप अपनी बहू या बेटे से बात कर सकतीं हैं, लेकिन यदि परेशानी उस दोस्त के पुरुष होने से है, तो यह गलत है.
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