सवाल
मैं 22 साल की हूं. 5 साल तक जिस से प्यार था, उस की शादी हो गई है. पारिवारिक वजहों से मेरी उस से शादी नहीं हो पाई, पर हम एकदूसरे के बगैर नहीं रह सकते. क्या करें?
जवाब
आप का प्रेमी आप के बिना रह सकता है, तभी तो उस ने कहीं और शादी कर ली. अगर उसे आप से सच्चा प्यार होता, तो वह उस के लिए संघर्ष करता. आप उस के चक्कर में अपना खून न जलाएं. वक्त आने पर आप को उस से बेहतर साथी मिल जाएगा.
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अवैध संबंध
अवैध संबंध पति के हों या पत्नी के, देरसबेर इन की पोल खुल ही जाती है. इस के बाद नतीजे अपराध के रूप में सामने आते हैं. कह सकते हैं कि इन नतीजों से कभी पत्नी प्रभावित होती है तो कभी पति. यदाकदा प्रेमी या प्रेमिका का नंबर भी आ जाता है. इस कहानी में पति जागीर सिंह को मौत की नींद सोना पड़ा और मंजीत कौर व उस के प्रेमी कुलवंत को…
मनप्रीत कौर सालों के बाद मामा के घर आई थी. गुरप्रीत सिंह और उस की पत्नी ने मनप्रीत की खूब खातिरदारी की. मामामामी और मनप्रीत के बीच खूब बातें हुईं. बातोंबातों में मनप्रीत ने गुरप्रीत से पूछा,‘‘मामाजी, बड़े मामा जागीर सिंह के क्या हालचाल हैं. उन से मुलाकात होती है या नहीं?’’‘‘नहीं, हम 5 साल पहले मिले थे अनाजमंडी में. जागीर उस समय परेशान भी था और दुखी भी. गले लग कर खूब रोया. उस ने बताया कि भाभी (मंजीत कौर) के किसी कुलवंत सिंह से संबंध हैं और दोनों मिल कर उस की हत्या भी कर सकते हैं.’’
गुरप्रीत ने यह भी बताया कि उस ने जागीर सिंह से कहा था कि वह भाभी का साथ छोड़ कर मेरे साथ मेरे घर में रहे. लेकिन उस ने इनकार कर दिया. वजह वह भी जानता था और मैं भी. उस ने मुझे समझाने के लिए कहा कि वह भाभी को अपने ढंग से संभाल लेगा. बस उस के बाद जागीर सिंह मुझे नहीं मिला.
‘‘वाह मामा वाह, बड़े मामा ने तुम से अपनी हत्या की आशंका जताई और आप ने 5 साल से उन की खबर तक नहीं ली?’’
‘‘खबर कैसे लेता, भाभी ने तो लड़झगड़ कर घर से निकाल दिया था. मैं उस के घर कैसे जाता? जाता तो गालियां सुननी पड़तीं.’’ गुरमीत ने अपनी स्थिति साफ कर दी.
बात चिंता वाली थी. मनप्रीत ने खुद ही बड़े मामा जागीर सिंह का पता लगाने का निश्चय किया. उस ने मामा के पैतृक गांव से ले कर गुरमीत द्वारा बताई गई संभावित जगह रेलवे बस्ती, गुरु हरसहाय नगर तक पता लगाया. उस की इस छानबीन में जागीर सिंह का तो कोई पता नहीं लगा, पर यह जानकारी जरूर मिल गई कि जागीर सिंह की पत्नी मंजीत कौर रेलवे बस्ती में किसी कुलवंत सिंह नाम के व्यक्ति के साथ रह रही है.
सवाल यह था कि मंजीत कौर अगर किसी दूसरे आदमी के साथ रह रही थी तो जागीर सिंह कहां था? मंजीत ने ये सारी बातें छोटे मामा गुरमीत को बताईं. इन बातों से साफ लग रहा था कि जागीर सिंह के साथ कोई दुखद घटना घट गई थी. सोचविचार कर गुरमीत और मंजीत ने थाना गुरसहाय नगर जा कर इस बारे में पूरी जानकारी थानाप्रभारी रमन कुमार को दी.
बठिंडा (पंजाब) के रहने वाले गुरदेव सिंह के 2 बेटे थे जागीर सिंह और गुरमीत सिंह. उन के पास खेती की कुछ जमीन थी, जिस से जैसेतैसे घर का खर्च चलता था. सालों पहले उन के परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा था. पत्नी के बीमार होने पर उन्हें अपनी जमीन बेचनी पड़ी. इस के बावजूद वह उसे बचा नहीं पाए थे.
पत्नी की मौत के बाद गुरदेव सिंह टूट से गए थे. जैसेतैसे उन्होंने अपने दोनों बेटों की परवरिश की. आज से करीब 15 साल पहले गुरदेव सिंह भी दुनिया छोड़ कर चले गए. पर मरने से पहले गुरदेव सिंह यह सोच कर बड़े बेटे जागीर सिंह का विवाह अपने एक जिगरी दोस्त की बेटी मंजीत कौर के साथ कर गए थे कि वह जिम्मेदारी के साथ उस का घर संभाल लेगी.
मंजीत कौर तेजतर्रार और झगड़ालू किस्म की औरत थी. उस ने घर की जिम्मेदारी तो संभाल ली, लेकिन पति और देवर की कमाई अपने पास रखती थी. दोनों भाई जमींदारों के खेतों में मेहनतमजदूरी कर के जो भी कमा कर लाते, मंजीत कौर के हाथ पर रख देते. लेकिन पत्नी की आदत को देखते हुए जागीर सिंह कुछ पैसे बचा कर रख लेता था.
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