Short Trip : अब बच्चे भी बड़े हो चुके हैं. हसबैंड जब थे तब हम सब खूब घूमतेफिरते थे. बच्चे छोटे थे, तब भी ट्रिप प्लान करते, लाइफ एंजौय करते थे. लेकिन हसबैंड की डैथ के बाद लाइफ जैसे ठहर सी गई. बस, रूटीन लाइफ रह गई, सोचती हूं, क्यों न फिर से लाइफ एंजौय की जाए. ट्रिप पर बच्चों के साथ जाऊं लेकिन अकेले सब मैनेज करना मुश्किल लग रहा है. कैसे क्या करूं, कुछ समझ नहीं आ रहा?

जवाब : यह जरूरी है कि आप अपनी जिंदगी में खुशी के लमहे दोबारा से ढूंढें, खासतौर पर जब पति के देहांत के बाद इतने साल गुजर चुके हैं. घूमने जाना, परिवार के साथ समय बिताना और नए एक्सपीरियंस लेना सभी के लिए जरूरी होते हैं. यह आप के लिए भी मुमकिन है.

आप के लिए कुछ सुझाव हैं. बच्चों के साथ बैठ कर प्लान बनाइए. सब से पहले आप अपने दोनों बच्चों के साथ बैठ कर डिस्कस कीजिए कि उन्हें कहां जाना पसंद होगा. अगर आप के बच्चे बड़े हैं तो उन की पसंद को समझ कर आप ट्रिप प्लान कर सकती हैं. आप उन से यह भी पूछ सकती हैं कि उन्हें किस टाइप की ट्रिप ज्यादा पसंद आएगी. क्या वे हिल स्टेशन पसंद करेंगे या कोई ऐतिहासिक जगह विजिट करना चाहेंगे.

आप एक या दो दिन का ट्रिप प्लान कर सकती हैं, जिसे आप अच्छे से और्गनाइज कर सकें. दिल्ली के आसपास काफी अच्छे हिल स्टेशंस हैं जो वीकैंड के लिए परफैक्ट हैं, जैसे नैनीताल, मसूरी, शिमला आदि.

आप को अपने ट्रिप का बजट भी ध्यान में रखना होगा. अगर आप छोटा ट्रिप प्लान कर रही हैं तो ट्रैवल एक्सपैंस और स्टे के लिए बजट सैट कर लीजिए. आप औनलाइन ट्रैवल एजेंसियों या बुकिंग वैबसाइट्स, जैसे मेक माई ट्रिप, अगोडा, ट्रिवागो पर बजट होटल्स और ट्रांसपोर्टेशन औप्शंस देख सकती हैं.

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