कांग्रेस ने आखिरकार हिमाचल प्रदेश में एक परिवार के दो सदस्यों को टिकट नहीं देने की परंपरा तोड़ दी है. पार्टी ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह और कौल सिंह ठाकुर की बेटी चंपा ठाकुर को टिकट देने का ऐलान कर दिया है.
कांग्रेस ने विक्रमादित्य को शिमला ग्रामीण से और चंपा को मंडी से टिकट देने का ऐलान किया है. दरअसल पार्टी ने रविवार शाम सात सीट पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था, जिसमें दोनों के नाम शामिल नहीं थे. लेकिन मुख्यमंत्री के दबाव में पार्टी ने एक और सूची निकाली जिसमें विक्रमादित्य और चंपा के नाम दर्ज थे.
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, दूसरी सूची में विक्रमादित्य का नाम शामिल नहीं होने से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह काफी नाराज थे. उन्होंने साफ कर दिया था कि यदि पार्टी परिवार के एक व्यक्ति को टिकट देना चाहती है तो वह अर्की सीट से अपना नामांकन वापस लेने को तैयार हैं. लेकिन शिमला ग्रामीण से उनके बेटे विक्रमादित्य चुनाव लड़ेंगे.
कांग्रेस इस वक्त वीरभद्र को नाराज करना नहीं चाहती थी. इसलिए आनन-फानन तीसरी सूची जारी कर विक्रमादित्य और चंपा को टिकट देने की औपचारिक घोषणा की गई. कांग्रेस अमूमन विधानसभा चुनाव में एक परिवार से एक सदस्य को ही टिकट देती रही है, लेकिन मुख्यमंत्री के दबाव के चलते उसने यह परंपरा तोड़ दी.