बलात्कार के बाद की कानूनी लड़ाई पीड़ित के लिये सरल नहीं होती. उन्नाव रेप कांड इसका सबसे बड़ा गवाह है. दूसरी तरफ यह भी सच है कि जब कोई पीड़ित अपने हक की लड़ाई लड़ता है तो अंत में उसकी जीत होती है. मधुमिता हत्याकांड के बाद उसकी बहन निधि ने मजबूती से लड़ाई लड़ी तो बाहुबलि नेता अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को जेल के अंदर ही जिदंगी तमाम काटनी पड़ रही है. रेप कांड में फंसे उन्नाव के बाहुबलि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने रेप के मामले में पीड़ित को कमजोर करने के लिय हर दांव आजमा लिया पर उसकी एक नहीं चली. आज पूरा देश एक सूर में विधायक कुलदीप सेंगर के लिये सजा की मांग करते हुये पीड़ित के साथ खड़ा है. समाजवादी पार्टी ने मांग की है कि जब तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रमुख ओपी सिंह को नहीं हटाया जाता पीड़ित को न्याय नहीं मिलेगा.

28 जुलाई को रायबरेली के गुरूबक्शगंज थाना क्षेत्र में रेप पीड़ित अपने परिवार और रायबरेली जेल में रेप पीड़ित के चाचा से मिलने जा रही थी. इसी दौरान उसकी कार और एक ट्रक का सड़क हादसा हो गया. इसमें पीड़ित और उसका वकील महेन्द्र सिंह बुरी तरह से घायल हो गये और पीड़ित की चाची और मौसी की मौत हो गई. सडक दुर्घटना के मामले में पीड़ित लडकी के परिवारजनों ने यह मुकदमा लिखाया कि विधायक कुलदीप सेंगर ने यह हादसा कराया है. कुलदीप सेंगर का नाम सामने आते ही राजनीति तेज हो गई. संसद से सड़क तक हंगामा शुरू हो गया. केन्द्र और प्रदेश में सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी पर यह आरोप लगा कि भाजपा अपने विधायक को बचाने का प्रयास कर रही है. सरकार के संरक्षण में विधायक कुलदीप सेंगर अपने खिलाफ बलात्कार के मुकदमे के सबूत मिटाने के लिये सड़क हादसे की साजिश रचे थे.

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