TALL, DARK और HANDSOME को स्मार्ट पुरुष के स्केल के रूप में दिखाया गया है. पुरुषों को आकर्षक दिखाने के इस पैमाने में उनकी दाढ़ी का कहीं जिक्र नहीं है. इसके बावजूद आजकल पौलिटिशियन्स के बीच दाढ़ी का क्रेज नजर आ रहा है. नेशनल लाइब्रेरी औफ मेडिसिन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार दाढ़ी पुरुषों को फिजिकली और मेंटली मैच्योर दिखाने का काम करती है.
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दाढ़ी वाले पौलिटिशयन की निकल पड़ी
चिराग पासवान की तरह उनकी दाढ़ी भी आजकल चर्चा में है. चिराग पासवान के पहले राहुल गांधी की दाढ़ी ने भी खूब शोर मचाया. यहां तक कि असम के क्लीन शेव सीएम हिमंता बिस्वा सरमा पर आरोप भी लगा कि उन्होंने दाढ़ी की वजह से कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी की तुलना इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन से कर डाली. बाद में राहुल ने उस लंबी दाढ़ी को छोटा भी कर लिया लेकिन पूरी तरह से वह अभी भी दाढ़ी से बाहर नहीं निकल पाए हैं, इधर जब से लोक जनशक्ति पार्टी के सुप्रीमो ने 5 के 5 सीटों पर जीत हासिल की है, तबसे उनकी दाढ़ी भी लाइमलाइट में चल रही है. आज के युवा नेताओं में दाढ़ी का यह क्रेज थोड़ा अटपटा लगता है, राजीव गांधी हो या अटल बिहारी वाजपेई, नेहरू जी हो या सरदार पटेल यह सभी पुराने लीडर्स का दाढ़ी से दूर दूर तक कोई रिश्ता नहीं था, तो आज के यंग पौलिटिशियन्स के इस क्रेज का राज क्या है ?
घर बसाने के लिए दाढ़ी वाले लड़के ही पसंद
क्वींसलैंड यूनविर्सिटी में एक बहुत ही एक रिसर्च किया गया, जिसके रिजल्ट बहुत ही रोचक मिले. इस रिसर्च में महिलाओं क्लीनशेव, हल्की दाढ़ी यानि स्टबल, बड़ी स्टबल और लंबी दाढ़ी वाले पुरुषों की फोटोज दिखाई गई. शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन पुरुषों की थोड़ी या ज्यादा बड़ी दाढ़ी थी, वो महिलाओं को हसबैंड के लिए परफेक्ट नजर आए. जबकि क्लीन शेव पुरुष या हल्की स्टबल रखने वाले लड़कों को महिलाओं ने एक रोमांटिक पार्टनर के रूप में सही माना. बात साफ है कि दाढ़ी वाले पुरुष को महिलाओं ने मैच्योर के तौर पर देखा. वहीं इस शोध में क्लीन शेव पुरुष हर मामले में कतार में सबसे पीछे दिखे.