देश की पहले, तीनों सेनाओं के प्रमुख चीफ आफ डिफेंस स्टाफ सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत सहित तेरह लोगों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत, देश के लिए एक सबक बन कर सामने है. यह एक गंभीर चिंता का विषय है और देश भर में उठ रहे अनेक प्रश्नों का एक ऐसा रहस्यमय मामला बनकर सामने है जिसका जवाब देश की सुरक्षा को लेकर  निहायत ही आवश्यक है.

जनरल विपिन रावत की मृत्यु वह भी सेना के डबल इंजन के हेलीकॉप्टर में, पूरे प्रोटोकाल के बावजूद, पूरी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद??

यह अनेक प्रश्न खड़े कर रहा है. जिनका प्रतिउत्तर सिलसिलेवार सरकार को संसद में सामने आ कर देना चाहिए ताकि देश में एक आस्था, विश्वास का माहौल बने और कभी दोबाला ऐसी घटना दुर्घटना ना हो.

पहला सवाल?

देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत की दुर्घटना में मृत्यु से सबसे पहला सवाल जो उपज रहा है जो लोगों के मनों मस्तिष्क में एक बारगी उठ रहा है वह यह है कि क्या तीनों सेनाओं के प्रमुख के लिए एक ऐसा हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराया गया था जो देखते ही देखते आग की लपटों में घिरा हुआ लोगों ने देखा?  क्या हेलीकॉप्टर इतना गया गुजरा था की देखते ही देखते घटना घटित हो गई और कोई बचाओ नहीं हो पाया. क्या हेलीकॉप्टर में कोई छेड़-छाड़ हुई थी.

दूसरा सवाल

जनरल बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई मृत्यु से देशभर में शोक की लहर देखी गई. यह देश की अस्मिता का प्रश्न बन गया. देश की सेना के  प्रमुख नायक जिनके पास देश की रक्षा सुरक्षा का सरंजाम  होता है के  दुखद मृत्यु से यह प्रश्न सहज ही उठ खड़ा हुआ कि क्या जनरल रावत की सुरक्षा में भारी सेंध लग चुकी थी?

अन्यथा भारतीय सेना का एक हेलीकॉप्टर जो अपने एक अति विशिष्ट जनरल को ले जा रहा है क्या यह असामान्य दुर्घटना नहीं थी.

सवाल तीसरा

जनरल बिपिन रावत को लेकर जा रहा हेलीकॉप्टर सेना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था और पूरी तरीके से सुरक्षित भी माना गया था. मगर इस सब के बावजूद क्या कोई देवीय दुर्घटना हो गई  या सीधे-सीधे एक बहुत बड़ी चूक है जनरल रावत और उनकी धर्मपत्नी के साथ अन्य 13 लोगों की मौत से यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या इतने बड़े वीवीआईपी शख्सियत के प्रस्थान करने से पूर्व “प्रोटोकॉल” का पालन हुआ था या नहीं. अगर हुआ था तो फिर चूक कहां हो गई जो इतनी बड़ी गलती हुई और भयावह दुर्घटना दुनिया ने देखी.

सवाल चौथा

जनरल बिपिन रावत और अन्य  की दुर्घटना में हुई मौत से अनेक प्रकार के सवाल उठ खड़े हुए हैं जिनकी जांच भी होनी है और निसंदेह उन सब का जवाब भी सामने आएगा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में अपने वक्तव्य में जनरल रावत की मृत्यु पर अपनी बात देश के समक्ष रखी है. यहां आज जो सवाल लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है हम रख रहे हैं.  सवाल है कि जिस तरीके से सिर्फ 20 मिनट के अंदर उड़ान के बाद यह दुर्घटना हुई वह कई सवाल खड़े कर रही है. सेना का एक शक्तिशाली डबल इंजन का हेलीकॉप्टर क्या सिर्फ 20 मिनट चलकर के दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है?

11:48 पर यह हेलीकॉप्टर उड़ान भरता है और 12:08 पर दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है आग की लपटों में घिर जाता है यह कोई सामान्य बात नहीं है, कोई फिल्मी फुटेज नहीं है. यह एक ऐसा सच है जिस पर सारी दुनिया सोच रही है कि क्या यह सच है या सिर्फ एक फिल्मी सीन.

सवाल पांचवां

जैसी दुर्घटना भारत में विगत दिनों तीनों सेना के प्रमुख  जनरल विपिन रावत के हेलीकॉप्टर की हुई है, ठीक वैसे ही ताइवान के सेना प्रमुख की भी 2 वर्ष पूर्व सन् 2020 में एक दुर्घटना में मृत्यु हुई थी. सवाल यह खड़ा हुआ है कि क्या या एक संयोग मात्र है या इसके पीछे कोई रहस्यमय विदेशी ताकत है? जिसने पहले ताइवान में वहां के सेना प्रमुख के हेलीकॉप्टर के साथ सुरक्षा में छेड़खानी की, दुर्घटना हो गई मौत हो गई. कुछ वैसे ही भारत में भी हो गया और जनरल बिपिन रावत सहित अनेक लोग असामयिक मौत का सबब बन गए.

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