अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने हाल ही में चीन को ले कर एक विस्तृत रिपोर्ट यूएस कांग्रेस को सौंपी, जिस में चीन के सैन्य मिशन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बढ़ते प्रभाव का बिंदुवार तरीके से विवरण है. इस के अलावा चीन के भविष्य की भावी योजनाओं का उल्लेख भी इस रिपोर्ट में है. 192 पेजों की इस रिपोर्ट का शीर्षक ‘मिलिट्री एंड सिक्योरिटी डैवलपमैंट्स इन्वौल्ंिवग द पीपल्स रिपब्लिक औफ चाइना’ है.

इस रिपोर्ट में ताइवान संकट, भारतचीन सीमा विवाद व पिछले साल पीपल्स लिबरेशन आर्मी द्वारा आयोजित बहुपक्षीय सेना अभ्यासों के पैटर्न पर विस्तृत तथ्य भी पेश किए गए. भारत के परिप्रेक्ष्य से यह रिपोर्ट इसलिए भी अहम है कि पेंटागन ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सीमा पर भारतचीन की राजनयिक व सैन्य बातचीत के बावजूद चीन ने भारत के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपने दावों को साबित करने के लिए ‘सामरिक कार्यवाही’ करना जारी रखा है.

रिपोर्ट में साफ शब्दों में कहा गया कि चीन अपने पड़ोसी देशों, खासकर भारत, के साथ आक्रामक व्यवहार कर रहा है. अपने पड़ोसी देश भारत को डराने के लिए चीन ने तिब्बत और शिंजियांग में मौजूद सुरक्षा बलों को पश्चिमी चीन भेज दिया है, ताकि उन की सीमा पर तैनाती हो सके.

पेंटागन ने इस रिपोर्ट से यह पुष्टि भी की है कि पिछले साल 2020 में चीन ने एलएसी के पूर्वी क्षेत्र यानी चीनीतिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और भारत के अरुणाचल प्रदेश के बीच ‘विवादित क्षेत्र’ पर

101 घरों का योजनाबद्ध गांव बसाया है. चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में गांव बसाए जाने वाली बात इस साल जनवरी माह में भी सामने आई थी. मीडिया में उस दौरान इसे ले कर खबरें भी प्रकाशित हुई थीं. सैटेलाइट से उस दौरान नए बसाए गांव की तसवीरों को जारी किया गया था. लेकिन सत्ता पक्ष ने इन आरोपों का खंडन करते हुए चुप्पी साध रखी थी.

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