अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (प्रतिनिधि सभा) में दो प्रभावी सांसदों द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के समर्थन में प्रस्ताव पेश किया गया. सांसदों ने कहा कि समय आ गया है कि बढ़ती वैश्विक समद्धि में भारत की भूमिका को स्वीकारा जाए.
प्रस्ताव को सदन की विदेश मामलों की समिति के वाइस रैंकिंग सदस्य और सांसद अमी बेरा और भारत तथा भारतीय अमेरिकियों पर बने संसदीय कॉकश के संस्थापक सांसद फ्रैंक पेलोन ने पेश किया. इसके जरिए सदन आधिकारिक रिकॉर्ड में भारत की दावेदारी का समर्थक करने वाला बन जाएगा.
बेरा ने कहा, ‘विश्व का प्राचीनतम और सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते अमेरिका और भारत समान मूल्यों को साझा करते हैं और कई क्षेत्रों में उनकी साझेदारी बढ़ रही है.
उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका के लिए रणनीतिक साथी के तौर पर महत्त्वूपर्ण भूमिका निभाता है. वह मजबूत स्तंभ है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य विश्व को उस प्रकार प्रतिबिंबित करते हैं जैसा वह 60 साल पहले था. समय आ गया है कि वैश्विक समद्धि में भारत की भूमिका को स्वीकार किया जाए.
दुष्प्रचार के लिए फर्जी तस्वीर पेश करने पर यूएन सख्त
संयुक्त राष्ट्र के मंच पर पाकिस्तान द्वारा फर्जी तस्वीर दिखाए जाने की घटना पर इस वैश्विक संस्था ने भी चिंता जताई है. संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष मिरोस्लाव लजाक ने स्पष्ट किया कि निश्चित तौर पर इसे रोकने के सुझावों पर विचार किया जाएगा. कुछ ही दिन पहले संयुक्त राष्ट्र में पाक की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने फलस्तीन के गाजा शहर की एक घायल लड़की की तस्वीर को कश्मीर की पीड़िता के रूप में पेश किया था.
जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने इस तस्वीर के माध्यम से भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाए थे. लजाक से पूछा गया कि क्या वैश्विक मंच पर फर्जी तस्वीर दिखाए जाने जैसी घटनाओं को रोकने के लिए वह कोई कदम उठाना चाहेंगे. इस पर उन्होंने कहा, ‘मैं निश्चित तौर पर आपके सुझाव के बारे में विचार करूंगा.’
पद का उपयोग करूंगा
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष मिरोस्लाव लजाक ने पाक की ओर से पेश की गई फर्जी तस्वीर मामले पर कहा कि यह कूटनीति का मामला है. ‘इसका जवाब मुझे नहीं देना है. यह संबंधित प्रतिनिधियों से जुड़ा मुद्दा है. मैं महासभा के अध्यक्ष के रूप में अपने पद का उपयोग करना चाहता हूं, इसका दुरुपयोग नहीं.’
चीन अपने पड़ोसियों के हितों का सम्मान करे
भारत के साथ डोका ला विवाद के समाधान के कुछ हफ्ते बाद चीन के सरकारी मुखपत्र का नजरिया बदलता दिख रहा है. उसने अपने ही देश को सलाह दे डाली है कि उसे पड़ोसियों के हितों का सम्मान करना चाहिए. साथ ही द्विपक्षीय विवादों को सुलझाना चाहिए ताकि वैश्विक प्रभाव की बीजिंग की कोशिश के विरोध को कम से कम किया जाए.
ग्लोबल टाइम्स में छपे संपादकीय में लिखा गया, ‘हमें अपने सिद्धांतों पर अडिग रहना चाहिए, लेकिन अपने पड़ोसियों के हितों का सम्मान करना चाहिए. इसमें कहा गया कि पड़ोसियों के साथ विवाद सुलझाना चीन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि उसे अपनी महत्वाकांक्षाओं को हासिल करने के अपने प्रयासों का विरोध कम से कम करने की आवश्यकता है.’
भारत, जापान, वियतनाम और दक्षिण चीन सागर क्षेत्र के अन्य पड़ोसी देशों पर परोक्ष निशाना साधते हुए लेख में कहा गया कि कुछ पड़ोसी देश चीन के साथ समुद्री और भूमि विवादों को सुलझाने में कड़ा रूख अपना रहे हैं.