प्रधानमंत्री भले ही शहजादा शब्द का प्रयोग मजाक या तंज में कर रहे हों लेकिन पौराणिक ग्रंथों में तमाम शहजादे ऐसे हैं जिन के पिताओं को दक्षिणापंथी सम्मान करते हैं. रामायण और महाभारत जैसे पौराणिक ग्रंथों में तमाम ऐेसे किरदार हैं जिन के शहजादों की आज भी पूजा होती है. ऐेसे में शहजादा शब्द का प्रयोग मजाक उड़ाने में कैसे किया जा सकता है.
दशरथ के शहजादे के नाम पर मंदिर की पूरी राजनीति टिकी है. देवकी और वासुदेव के शहजादे के विचारों को हमेशा आगे रखा जाता है. गीता का सारा ज्ञान वहीं से आता है. कंस जैसी दुरात्माओं के अंत के लिए इन की मदद लेनी पड़ी थी. शंकर के शहजादे की पूजा से ही दूसरी पूजा की शुरुआत होती है. ऐसे तमाम उदाहरण हैं जिन के शहजादों के बिना हमारा काम पूरा नहीं होता है. ऐसे में शहजादा शब्द मजाक का पर्याय कैसे हो सकता है? क्या भाषा बदल जाने से शब्द का अर्थ बदल जाता है.

अगर शहजादा मजाक का पर्याय है तो इन के पिताओं का भी मजाक उड़ रहा होगा. क्या यह पौराणिक कथाओं के मजाक उडाने वाला काम नहीं है. इस से हम उन का ही अपमान कर रहे हैं जिन के पदचिन्हों पर चलने की बात करते हैं. कुछ वोट के लिए हम अपने ही पूज्यों का अपमान नहीं कर रहे हैं? जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को शहजादा कह कर मजाक उड़ाते हैं उस का प्रभाव दूर तक पड़ रहा है. ऐसे में सवाल केवल शहजादा का ही नहीं, प्रिंस और राजकुमार का भी है. ये शब्द भी मजाक का पर्याय हो गए हैं. किसी को प्रिंस और राजकुमार कहा जाएगा तो उसे भी मजाक जैसा ही लगेगा.

चुनावीप्रचार का हिस्सा बना ‘शहजादे’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावीप्रचार में ‘शहजादा’ का प्रयोग कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए करते हैं. जब उन के साथ उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और बिहार में तेजस्वी यादव को जोड़ना होता है तब ‘शहजादे‘ शब्द का प्रयोग करते हैं. राहुल और अखिलेश यादव को पहले 2 लड़कों की जोड़ी के नाम से संबोधित करते थे, अब उन को ‘2 शहजादे’ कहते हैं. पाकिस्तानी नेता फवाद चौधरी की सोशल मीडिया पोस्ट को ले कर पीएम मोदी ने गुजरात में चुनावी रैली में राहुल गांधी को निशाने पर लेते कहा, ‘संयोग देखिए, आज भारत में कांग्रेस कमजोर हो रही है. आप को पता चला होगा कि अब कांग्रेस के लिए पाकिस्तानी नेता दुआ कर रहे हैं. शहजादे को भारत का प्रधानमंत्री बनाने के लिए पाकिस्तान उतावला है.’
पीटीआई प्रमुख इमरान खान के करीबी और पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफौर्म एक्स हैंडल पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का समर्थन करते हुए एक वीडियो शेयर किया था, जिस में राहुल गांधी अयोध्या में हुए रामलला की प्राणप्रतिष्ठा समारोह का जिक्र कर प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा पर निशाना साध रहे हैं. फवाद चौधरी ने इस वीडियो को एक्स हैंडल पर रिपोस्ट करते हुए लिखा था- ‘राहुल औन फायर’.

बिहार में चुनावी प्रचार में पीएम मोदी ने लालू यादव पर गोधरा कांड के दोषियों को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. पीएम मोदी ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जैसे एक शहजादा दिल्ली में है, वैसे ही एक शहजादा पटना में भी है. एक शहजादे ने बचपन से पूरे देश को और दूसरे शहजादे ने पूरे बिहार को अपनी जागीर समझा है. इन दोनों शहजादों के रिपोर्ट कार्ड एकजैसे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद पर यूपीए शासनकाल के दौरान गोधरा कांड के जिम्मेदार लोगों को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. दरभंगा संसदीय क्षेत्र में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने गोधरा कांड का जिक्र किया और आरोप लगाया कि विपक्षी दल हमेशा तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं.
नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘जब गोधरा में कारसेवकों को जिंदा जलाया गया था तब देश के रेल मंत्री, राजद के शाहजादे के पिता थे जो चारा घोटाला मामले में सजा काट कर जमानत पर घूम रहे हैं.’ मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आप को पता होगा यह दिल्ली वाले शहजादे एक नई बात ले कर आए हैं. कांग्रेस ऐसा कानून बनना चाहती है कि जिस से आप के मांबाप ने जो कमाया है, वह आप को नहीं मिलेगा.’

शाहजादे के जवाब में पीरजादे और शहंशाह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को शहजादा कहा है, जिस पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पलटवार किया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर हम शहजादे हैं तो पीएम मोदी पीरजादे हैं. वे बड़े हैं, बुजुर्ग हैं, उन्हें कुछ भी कहने का अधिकार है. जैसा वे कहेंगे वैसा ही जवाब मिलेगा. उन को शब्दों का चुनाव सोचसमझ कर करना चाहिए. वे झूठ अधिक बोलते हैं. काम की बात होनी चाहिए. मिथिला के लोग बहुत प्रबुद्ध हैं. वे काम की बात सुनना चाहते हैं. बिहार में भाजपा की हालत बहुत खराब है. लोग झूठे वादों से ऊब चुके हैं.

तेजस्वी यादव की बहन मीसा भारती ने कहा कि प्रधानमंत्री जिस के लिए शहजादा का प्रयोग कर रहे हैं उस ने बिहार में उपमुख्यमंत्री के रूप में 5 लाख युवाओं को नौकरी देने का काम किया है. इस तरह से ‘शहजादे विवाद’ में दोनों तरफ से नेता अपने बयानों से वार-पलटवार कर रहे हैं. कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘शहजादा’ तंज पर पलटवार करते हुए नरेंद्र मोदी को ‘शहंशाह’ बताया, जो महल में रहते हैं और जनता से कटे हुए हैं.

प्रियंका गांधी ने कहा, ‘वे मेरे भाई को शहजादा कहते हैं. मैं उन्हें बताना चाहती हूं कि यह शहजादे आम लोगों की समस्याएं सुनने के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक 4,000 किलोमीटर तक चले, किसानों और मजदूरों से मिले तथा उन से पूछा कि वे उन की समस्याओं का कैसे समाधान कर सकते हैं. दूसरी ओर आप के ‘शहंशाह’ नरेंद्र मोदी हैं. वे महलों में रहते हैं. क्या आप ने कभी टीवी पर उन का चेहरा देखा है? एकदम साफसुथरा सफेद कुरता, धूल का एक दाग नहीं है. एक बाल इधर से उधर नहीं हो रहा है. वे आप की मेहनत, आप की खेती को कैसे समझेंगे? वे आप की समस्याओं को कैसे समझेंगे, आप महंगाई के बोझ से दबे हुए हैं.’

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