त्रिपुरा के नएनवेले मुख्यमंत्री विप्लब कुमार देव ने अपने मुंह से उगल दिया कि इंटरनैट द्वापर में भी था जिस के जरिए संजय ने धृतराष्ट्र को महाभारत का आंखों देखा हाल सुनाया था. लगेहाथ उन्होंने युवाओं को नौकरी के बजाय पान की दुकान और डेयरी खोलने की सलाह भी दे डाली.

बहरहाल, पौराणिकवादियों के गिरोह की एक शाखा विज्ञान को धर्म साबित करने पर तुली है, विप्लब उस के नए रंगरूट हैं जिन पर गांवदेहातों की यह कहावत सटीक बैठती है कि कल के जोगी और जांघ तक जटा.

इस गैंग की निगाह में सबकुछ सनातन धर्म में है पर कलियुग के प्रभाव के चलते मोह और वासनाग्रस्त पापी उसे मानते नहीं, उलटे यह पूछ कर लाजवाब कर देते हैं कि सबकुछ था, लेकिन एक भी डाक्टर ऐसा नहीं था जो धृतराष्ट्र की आंखों का औपरेशन कर उस की नजर लौटा देता. अब इस बात का जवाब भी शायद वे किसी धार्मिक ग्रंथ में तलाश रहे हों.

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