प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिलने वाली ड्रेस की सप्लाई के लिये सरकार कोई स्पष्ठ नीति नहीं बना पाई है. हर साल इसको लेकर नीतियां बदलती है. जिनकी वजह से स्कूल की ड्रेस और जाड़ो में पहनने के लिये दी जाने वाली स्वेटर समय पर बच्चों को नहीं मिल पाती है. हर साल स्कूली ड्रेस की खरीद को लेकर नियम बदलते है.

नये सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर नया बदलाव पाइलेट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के 4 के 6 ब्लाक में लागू हो रहा है. इनमें लखनऊ का मोहनलालगंज ब्लाक, सीतापुर का सिधौली ब्लाक, मिर्जापुर का छानवे ब्लाक है. उत्तर प्रदेश की बेसिक शिक्षामंत्री अनुपमा जायसवाल के गृह जनपद बहराइच जिले के 3 ब्लाक इसमें शामिल किये गये है. यह ब्लाक मटेरा, महसी और विश्वेश्वर गंज है. उत्तर प्रदेश में प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में पढने वाले करीब 1.75 करोड़ छात्र है. सरकार इन बच्चों को हर साल 2 सेट स्कूली ड्रेस उपलब्ध कराती है. हर सेट के लिये सरकार 300 रूपये का भुगतान करती है. अभी तक स्कूल के शिक्षक के द्वारा लोकल लेवल पर कोटेशन लेकर बच्चों को यूनिफार्म उपलब्ध कराते हैं. इस बार पाइलेट प्रोजेक्ट के रूप में 4 जिलों में चुने गये. ब्लाक में पढने वाले बच्चों को खादी की स्कूली ड्रेस उपलब्ध कराई जायेगी.

स्कूली ड्रेस के कपड़े में 67 फीसदी कौटन और 33 फीसदी पौलिस्टर मिक्स होगा. सरकार ने कहा है कि खादी के कपड़ों के लिये यूपी हैंडलूम का सहयोग लिया जा सकता है. इससे यूपी हैंडलूम को आर्थिक लाभ होगा. दूसरी तरफ यूपी हैंडलूम और यूपिका को खादी ग्रामोद्योग में विलय करने जा रही है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...