मैं भ्रष्टाचार से लूटे गए गरीबों के धन को वापस करने के बारे में क़ानूनी सलाह ले रहा हूं. मेरा ध्यान मेरे लिए इस्तेमाल किए जाने बाले अपशब्दों पर नहीं, बल्कि उन गरीब लोगों पर है जिन का धन लूटा गया है. अकेले ईडी ने अब तक अलगअलग कार्रवाइयों में 1.25 लाख की संपत्ति जब्त की है. इस के लिए क़ानूनी सलाह ली जा रही है कि वह धन गरीबों को वापस कैसे किया जा सकता है.
6 मई को हैदराबाद की एक पब्लिक मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कहते हुए सीधेसीधे जो बहुत सी बातें मान ली हैं उन में खास ये हैं कि विश्व की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद भी देश में इफरात से गरीब और गरीबी है. दूसरी बात यह कि 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी के फैसले के वक्त उन की ही की गई यह घोषणा भी खोखली निकली कि इस से देश में कालाधन खत्म हो जाएगा. और उसी से जुडी तीसरी अहम बात यह कि 10 साल में कालेधन को बंद करने के लिए कुछ नहीं कर पाए हैं, उलटे, यह दिनोंदिन बढ़ ही रहा है. इस के लिए उन्होंने जो कुछ कर रखा है वह अभी किसी को नजर नहीं आएगा. हां, जिस दिन जनता उखाड़ फेंकेगी उस दिन जोजो सामने आएगा, उस की भी कल्पना हरकोई नहीं कर सकता. चौथी और असल बात यह थी कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन और दूसरी योजनाओं के जरिए इमदाद देने के बाद भी भाजपा को उम्मीद के मुताबिक वोट और सीटें नहीं मिल रही हैं, इसलिए वोटों के लिए वही लालच दिया जा रहा है जो आज से 10 वर्षों पहले दिया गया था कि देश में इतना कालाधन है कि उसे पकड़ कर हरेक के खाते में 15-15 लाख डाल दूंगा.