पढ़िए कि क्या कहा आकाश आनंद ने- “साथियो, भाजपा की सरकार बुलडोजर की नहीं बल्कि आतंकवादियों की सरकार है. अपनी आवाम को गुलाम बना कर रखा है. ऐसी सरकार का समय आ गया है खत्म होने का. और चुनाव में बसपा की सरकार बना कर बहनजी को प्रधानमंत्री बनाइए. जो शिक्षा और रोजगार नहीं दे सकती, ऐसी सरकार को कोई हक नहीं है आप के बीच में आने का. अगर ऐसे लोग आप के पास आएं तो जूता निकाल कर रेडी कर दीजिएगा. वोट की जगह जूता मारिएगा.

“अगर चुनाव आयोग को हमारी बात बुरी लग गई हो और अगर ऐसा लग रहा हो कि हमें तालिबान और आतंकी जैसे शब्द नहीं कहने चाहिए थे तो दरख्वास्त है कि यहां आ कर गांवों में बहनबेटियों की स्थिति देख ले वह. चुनाव आयुक्त खुद समझ जाएंगे कि जो हम ने कहा वह सत्य है. प्रधानमंत्री ने रोजगार पर बात कहते हुए कहा था कि नौकरी नहीं है तो क्या हुआ, पकौड़ा तलो. आप ही बताइए, बच्चों को इतनी पढ़ाईलिखाई करवा कर क्या आप पकौड़ा तलवाएंगे? बहुजन समाज पकौड़े तलने के लिए नहीं पैदा हुआ है. वह पढ़लिख कर भारत के संविधान को आगे बढ़ाएगा.” 28 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में आकाश आंनद ने यह भाषण दिया था. इस के बाद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन और चुनाव आयोग को पत्र लिख कर आकांश आनंद के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.

इस के बाद पुलिस ने आकाश आनंद सहित बसपा के दूसरे नेताओं- पार्टी के जिलाध्यक्ष विकास राजवंशी, लखीमपुर के प्रत्याशी अंशय कालरा, धौरहरा के प्रत्याशी श्याम किशोर अवस्थी, सीतापुर के प्रत्याशी महेंद्र सिंह यादव पर भी मुकदमा हो गया. मायावती ने इस को काफी गंभीरता से लिया था. 7 मई को सोशल मीडिया प्लेटफौर्म ‘एक्स’ पर मायावती ने 3 संदेश लिख कर आकाश आनंद को पार्टी की जिम्मेदारियों और अपने उत्तराधिकार के काम से मुक्त कर दिया.

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