बिहार के पटना स्थित कंकङबाग के एक कालोनी में पिछले 4 दिनों से रामसरूप अपने परिवार को दो जून का खाना नहीं दे पा रहा. उस की 4 साल की बेटी है जो बारिश में भीग कर बीमार हो चुकी है पर पास में पैसे नहीं हैं. और तो और अपनी बेटी को अस्पताल ले जाने पर भी आफत है. पूरा पटना डूबा पङा है और अधिकतर अस्पतालों के अंदर भी पानी जमा है.

रामसरूप एक गुमटी में चाय की दुकान चलाता है मगर यह गुमटी लगातार हो रही बारिश में कहां गया उसे खुद पता नहीं.

राजधानी पटना की पौश कालोनी राजेंद्र नगर की एक तसवीर तो सोशल मीडिया में खूब वायरल है, जिस में एक बुजुर्ग अपनी बुजुर्ग पत्नी को ठेले पर कुरसी पर बैठा कर सुरक्षित स्थान की तलाश में है.

हाल ही में पटना से लौटे आम आदमी पार्टी नेता मृत्युंजय श्रीवास्तव ने बताया,"बिहार में बङा ही हृदयविदारक दृश्य है और पटना की हालत तो बेहद खराब. कम आमदनी वाले लोग जो मजदूरी कर पेट पालते हैं, उन्हें न तो खाना मिल पा रहा न साफ पानी. पटना जंक्शन पर पानी जमा है और ट्रेनों की आवागमन भी प्रभावित है."

उन्होंने बताया,"वहां घोर अव्यवस्था है और सुध लेने वाला कोई नहीं."

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कुदरत का कहर

"इस असमय बारिश ने पिछले 40 साल का रिकौर्ड तोङ दिया है. 1976 में भी इतने बेकार हालात नहीं थे," यह कहना है बिहार जदयू के प्रदेश महासचिव इंजी. शंभूशरण का.

उन्होंने बताया कि लगातार बारिश से बिहार के कई जिलों में बाढ की स्थिति बन गई है. लगातार हो रही इस भारी बारिश की वजह से 15 जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया गया है. जिलों में स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को फिलहाल बंद कर दिया गया है. बिहार के अधिकतर भूभाग में पानी है और खेत डूब चुके हैं. फसल खराब हो गई है और इंसान के साथसाथ जानवरों तक का जीना मुहाल बन चुका है."

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