लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने एक प्रस्ताव के जरिए देश में नए संसद भवन के लिए एक अदद नई इमारत की जरूरत जताई है. सुमित्रा के तर्क ये हैं कि मौजूदा संसद भवन 88 साल पुराना हो गया है और इस में आने वालों की संख्या बढ़ रही है. इन में कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी, मीडियाकर्मी और आम लोग भी शामिल हैं. बात कमजोर न लगे, इसलिए उन्होंने यह भी याद दिला डाला कि 2026 के बाद लोकसभा सीटों की संख्या के बढ़ने की संभावना है. ऐसे में यह भवन और छोटा पड़ने लगेगा.

बातें सच हैं लेकिन सच यह भी है कि जब संसद में हंगामा ही मचना है, कुरसियां फेंकी जानी हैं, सांसदों को सवाल नहीं पूछना और महिला सांसदों की साडि़यों पर चर्चा करनी है तो फिर नई इमारत की जरूरत क्या? बेहतर होता सुमित्रा ताई यह कहतीं कि सभी सांसद नियमित आएं, बहस में हिस्सा लें, सवाल पूछें और सुझाव दें, तो बात में वजन होता.

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