लालू यादव और रामविलास पासवान की सियासी दुश्मनी को अब उनके बेटे आगे बढ़ा रहे हैं. राजद सुप्रीमो लालू के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान के बेटे और सांसद चिराग पासवान के बीच पिछले कुछ महीनों से जारी जुबानी जंग ने यह साफ कर दिया है कि दोनों  अपने-अपने पिता के बीच की सियासी खाई को फैलाने की जुगत में लग चुके हैं. पिछले 3-4 महीनों के दौरान बिहार में हुई हत्याओं और लूट की वारदातों के बहाने चिराग ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार सरकार सुशासन और कानून-व्यवस्था को लागू कराने में पूरी तरह से नाकाम रही है 

तेजस्वी के चुनाव क्षेत्रा राघोपुर में लोजपा नेता बृजनाथी सिंह की हत्या के बाद उपजे सियासी गरमी के बीच चिराग ने तेजस्वी पर जम कर निशाना साधा. चिराग कहते हैं कि उनके चुनाव क्षेत्र में इतने बड़े नेता का मर्डर हो गया, इसके बाद भी तेजस्वी ने वहां जाना मुनासिब नहीं समझा. इससे तो यह साफ हो जाता है कि तेजस्वी को अपने चुनाव क्षेत्र और वहां की जनता से कोई लेना-देना ही नहीं है.

इसके जबाब में तेजस्वी कहते हैं कि राघोपुर में जिसकी हत्या की गई थी, उस पर 20 हत्याओं का मामला दर्ज था. वह किसी भी आपराध्कि इमेज वाले नेता का समर्थन नहीं करते हैं, चाहे वह उनकी ही पार्टी को कोई नेता क्यों न हो? चिराग के बयानबाजी और आरोपों से गुस्साए तेजस्वी कहते हैं कि चिराग में दमदार नेता के कोई भी गुण नहीं है. सुरक्षित सीट जमुई के अलावा वह किसी सामान्य सीट से चुनाव जीत कर दिखा दें तो वह उनका लोहा मान लेंगे.

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