बिहार में अब सब तकरीबन खामोश हैं क्योंकि बोलने से अब कुछ हासिल होने वाला नहीं. हां, जन अधिकार पार्टी के मुखिया पप्पू यादव के बयानों से दलितों को लुभाने वाली बातें झड़ रही हैं. कभी वे संतों को लुटेरा बताने, गरीबों को मंदिर न जाने और दानदक्षिणा न देने की बातें करते हैं तो कभी भ्रष्ट अधिकारियों की हत्या करने वालों को 10 लाख रुपए इनाम देने की घोषणा कर डालते हैं. इन में से पहली बात समझदारी की और दूसरी कुछ जोशयुक्त है. पप्पू यादव की मंशा दलित नेतृत्व को हथियाने की साफ दिख रही है. वे दलितों को हिदायतें या नसीहतें भी गलत नहीं दे रहे. लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों की हत्या की बात थोड़ी अव्यावहारिक और गैरकानूनी है. इस पर अगर वाकई अमल हुआ, जिस की संभावना कम है, तो तय है पप्पू कंगाल हो जाएंगे.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन