राबड़ी देवी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नींद उड़ा दी है. इतना ही नहीं उन्होंने महागठबंधन के अंदर भी खलबली मचा दी है. नीतीश के भाजपा से हाथ मिलाने की अटकलों के बीच राबड़ी ने तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठा कर राज्य के सियासी हलकों में हलचल सी मच गई है.

राजद का खेमा पिछले कुछ महीने से राबड़ी के दुलारे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने की हवा बनाने में लगा हुआ है. इस हवा को राबड़ी देवी ने यह कह कर गरम कर दिया है कि राज्य की जनता तेजस्वी को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है. राबड़ी को अपने बेटे में मुख्यमंत्री बनने के सारे गुण भी दिखाई देने लगे है.

राजद के एक बड़े नेता दबी जुबान में कहते हैं कि हर मां अपने बेटे को बड़े से बड़ा पद पर बैठा देखना चाहती है. राबड़ी देवी ने भी अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने की बात कह कर कोई गुनाह नहीं किया है. इसके साथ ही वह यह भी कहते हैं कि ऐसी बातों को पार्टी पफोरम से बाहर नहीं उठानी चाहिए. अपनी मां के बयान पर तेजस्वी यादव कहते हैं कि हर पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावना होती है, उसका नेता उच्च पद पर बैठे. यह कोई नई बात नहीं है.

23 फरवरी को बिहार विधान सभा के सेशन की शुरूआत होने पर राबड़ी देवी विधान सभा पहुंची थीं. उन्होंने पत्राकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार की जनता चाहती है कि तेजस्वी बिहार के मुख्यमंत्री बनें. जो जनता चाहती है, वह होना ही चाहिए. लोकतंत्रा में जनता मालिक होती है. जनता ने अपनी इच्छा जाहिर कर दी है.

जब उनसे पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के तौर पर सही तरीके से काम नहीं कर रहे हैं? क्या महागठबंधन के नेता को बदलने की बात चल रही है? इन सवालों से घबरा कर राबड़ी ने सफाई दी कि नीतीश महागठबंधन के नेता हैं और पूरी अवधि तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे.

पिछले महीने राजद नेताओं की बैठक में पहली बार लालू यादव के सामने तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठाई गई थी. लालू ने अपने नेताओं को यह समझाते हुए शांत किया था कि तेजस्वी भविष्य के मुख्यमंत्री हैं. विधान सभा में राबड़ी ने तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की वकालत करने के कुछ ही घंटे के बाद राजद विधयकों की बैठक में भी तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनाने को लेकर नारे लगाए गए. विधयकों की मांग और नारों को देख-सुन कर लालू मंद-मंद मुस्कुराते रहे.

तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनाने संबंधी राबड़ी की मांग पर जदयू का कहना है कि लोकतंत्रा में अपनी बात कहने की पूरी आजादी है. कोई कुछ भी कह सकता है. जदयू नेता श्याम रजक कहते हैं कि कोई कुछ भी कहे पर नीतीश महागठबंधन के नेता हैं और आगे भी रहेंगे.

राबड़ी के बयान से पैदा हुए सियासी हलचल के बीच भाजपा को महागठबंधन को घेरने का मौका मिल गया है. विधान सभा में विरोधी दल के नेता प्रेम कुमार चुटकी लेते हुए कहते हैं कि राबड़ी देवी के बयानों से साबित हो गया है कि राजद को अब नीतीश कुमार के नेतृत्व में भरोसा नहीं रह गया है. इसी वजह से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठने लगी है. 

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