Prime Minister : जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज पर विपक्ष आक्रामक हुई उन्होंने सफाई देने की जगह नेहरू पर आरोप लगाए हैं. उन के अकसर अपने वक्तव्य में नेहरू का जिक्र किसी न किसी बहाने करते हैं. आखिर इस की वजह क्या है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानसून सत्र में लोकसभा में दिए गए अपने भाषण में 14 बार भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जिक्र किया. वो अपने अधिकांश भाषणों में नेहरू का जिक्र कर उन की ‘गलतियां’ गिनाते हैं. लोकसभा में 102 मिनट तक नरेंद्र मोदी कांग्रेस के संदर्भ पर बोलते रहे. इस के केंद्र में जवाहर लाल नेहरू रहे. वैसे देखे तो नरेंद्र मोदी ने नेहरू को न तो देखा होगा न ही उन के समयकाल में वह राजनीतिक सामाजिक मुद्दों की समझ रखते रहे होंगे.
मई 1964 में जब नेहरू का निधन हुआ होगा तब नरेंद्र मोदी 14 साल के रहे होंगे. देश में तमाम प्रधानमंत्री इस के बाद हुए, इन में से कई कांग्रेसी और कई गैर कांग्रेसी भी थे. भारत में 13 अलगअलग प्रधानमंत्री हुए हैं. इस के बाद भी नरेंद्र मोदी हमेशा जवाहरलाल नेहरू के नाम की ही माला जपते रहते हैं. देखा जाए तो नरेंद्र मोदी की पहली राजनीतिक लड़ाई इंदिरा गांधी से होनी चाहिए. उन के लगाई इमरजैंसी में उन्हें और सैकड़ों आरएसएस स्वयंसेवकों को गिरफ्तार किया था.
इस के पीछे विचारधारा की लड़ाई है. जवाहरलाल नेहरू महिला अधिकारों के पुरजोर समर्थक थे और उन का मानना था कि कानूनों और परंपराओं के कारण महिलाओं का दमन होता है. जिस से उन्हें संपत्ति, कानूनी अनुबंध, और पारिवारिक कानून में समान अधिकार मिलना चाहिए. हिंदू कोड बिल द्वारा लाने का उन का उद्देश्य भी यही था.
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