लखनऊ में भाजपा की परिवर्तन रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी के घाव पर बाबा साहब के नाम का मलहम लगाने का प्रयास किया. नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने के बाद भी देश में कोई बदलाव न देखकर परेशान जनता खासकर दलित और गरीब वर्ग को पार्टी से जोड़ने के लिये बाबा साहब अम्बेडकर के नाम का सहारा लिया. लखनऊ की परिवर्तन रैली से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘भीम एप‘ नाम का एक मोबाइल एप लांच किया. जिसके जरीये मोबाइल बैकिंग को सरल किया जा रहा है.

लखनऊ में प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात का खुलासा किया कि मोबाइल एप का नाम ‘भीम‘ क्यों रखा गया था? प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘बाबा साहब की प्रेरणा से बैकिंग व्यवस्था चल रही है. उनके नाम पर ही ‘भीम एप’ बनाया है. बाबा साहब को रूपये की ताकत और बैकिंग व्यवस्था का पता था. मेरा आग्रह है कि सभी लोग इसका इस्तेमाल करें. बाबा साहब को हर घर में याद किया जाये. भीम एप के जरिये हमने घरघर बाबा साहब को पहुंचाया है. इससे किसी के पेट में चूहे दौड़ें तो कोई फर्क नहीं पड़ता.’

असल में नोटबंदी में सबसे अधिक परेशान देश की सबसे गरीब जनता हुई है. गांव के किसान से लेकर मजदूर तक इससे परेशान हुआ. इस वर्ग को यह लग रहा था कि 50 दिन के बाद देश में ऐसा बदलाव आयेगा जिससे किसान, गरीब और मजदूर को लाभ होगा. 50 दिन बीत जाने के बाद जब ऐसा बदलाव नहीं हुआ तो इस वर्ग को खुश करने के लिये दलित महापुरूष बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के नाम का सहारा लिया गया. प्रधानमंत्री ने सबसे पहले ‘भीम एप’ नाम से एक मोबाइल एप जारी किया. इस बात की पूरी चर्चा प्रधानमंत्री ने अपनी लखनऊ रैली में की. प्रधानमंत्री के इस कदम पर सवाल भी उठ रहे है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...