नोटबंदी ने भाजपा सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट होने का मौका दे दिया है. जनता की परेशानियां नोटबंदी के 13 दिन बाद भी कम होने का नाम नहीं ले रही है. सरकार रोज रोज जिस तरह से नये नये प्रयास कर जनता की परेशानियां कम करने की कोशिश कर रही है वह भी नाकाफी साबित होती जा रही है.

शरद यादव ने कहा कि रेल हादसे में दी गई सहायता में बंद हो चुके बड़े नोटों को देने की घटना से पता चलता है कि नोटबंदी करने के पहले किसी भी तरह की योजना तैयार नहीं की गई थी. वह कहते हैं विपक्ष जनता की मुसीबतों को देखकर चुप नहीं रह सकता. ऐसे में वह नोटबंदी के मुददे पर एकजुट है. पूरा देश काम धंधा छोड़कर लाइन में खड़ा है. जिससे देश का काम ठप्प पड़ गया है.

लोकदल नेता अजित सिंह ने कहा कि नोट काला सफेद नहीं होता धंधा काला होता है. इस सरकार ने काला धंधा बंद करने की कोशिश नहीं की. बिना योजना के नोट बंद करने से देश आर्थिक संकट के दौर में पहुंच गया है. मोदी सरकार ने बिना किसी तैयारी के नोटबंदी का फैसला अदूरदर्शी फैसला है.

नोटबंदी करने के समय यह सोंचा ही नहीं गया कि इससे होने वाली परेशानी से कैसे निपट जायेगा. जदयू नेता शरद यादव ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से कहा कि वह नोटबंदी से परेशान हो रही जनता की परेशानी की बात लोगों के बीच उठाये जिससे उनको मदद मिल सके.

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