पहलवान से नेता बने मुलायम सिंह यादव अपने चरखा दांव से विरोधी नेताओं को चित्त करते रहे हैं. समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार से सत्ता विरोधी मतों का पलायन रोकने के लिये मुलायम ने चरखा दांव की जगह पर नया गेम प्लान तैयार किया है. जिससे सरकार और संगठन से जुड़े लोगों को अलग अलग खुश रखा जा सके.
एक तरफ अखिलेश यादव खुद का भरोसा दिखाते अपने आत्मविश्वास का प्रदर्शन करेंगे, तो दूसरी तरफ शिवपाल यादव सांप्रदायिक शक्तियों के विरोध को रोकने के नाम पर कई दलों का साथ लेकर चलने की योजना बनायेंगे. विरोधी भाजपा और बसपा इस भ्रम में रहेंगे कि परिवार में लड़ाई है. असल में परिवार एक जुट है और वह मुलायम के गेम प्लान में फंस कर सपा को कमजोर समझने की भूल कर बैठेंगे. ऐसे में सपा बाजी मार ले जायेगी.
लखनऊ में आयोजित यश भारती सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा प्रमुख मुलायम सिह यादव दोनों को मौजूद रहना था. परिवार में आई दूरी को दिखाने के लिये मुलायम इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने नहीं गये. इसके बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पहल पर यश भारती सम्मान पाने वाले प्रमुख लोगों से मुलायम सिंह यादव अपने घर पर मिले. इस मुलाकात के समय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ उनकी पत्नी डिम्पल यादव भी मौजूद थी. घर की पूरी मेजबानी डिम्पल यादव के जिम्मे थी. करीब एक घंटे तक मुलायम सिंह यादव यश भारती सम्मान पाने वालों से मिले. समारोह में हिस्सा लेने वाले यश भारती पाने वालों ने कहा कि वहां का माहौल बहुत अच्छा था.