Illegal Immigrants : इन दिनों बिहार के चुनाव में भी घुसपैठियों का मुद्दा जोरों पर है. वोटर लिस्ट की जांच चल रही है ताकि घुसपैठियों को पहचाना जा सके. महाराष्ट्र में देश के दूसरे राज्यों के मजदूरों को घुसपैठिया बता कर उन्हें खदेड़ने की राजनीति लंबे समय से चलती आ रही है. घुसपैठियों के नाम पर यह नैरेटिव सैट करने की कोशिश की जाती है कि दूसरे देशों या राज्यों से आने वाले लोग बोझ की तरह होते हैं जो संसाधनों पर डाका डालते हैं और क्षेत्र के आम नागरिकों के लिए खतरा बन जाते हैं. क्या यह नैरेटिव उचित है?

पूरी दुनिया में हमेशा से लोग माइग्रेट करते आए हैं. एक सदी पहले तक पूरी दुनिया में लोग बेरोकटोक इधर से उधर आतेजाते और बसते रहे हैं. पूरी दुनिया में कला, संस्कृति और व्यापार के आदानप्रदान में माइग्रेशन की अहम भूमिका रही. किसी ने मजबूरी में तो किसी ने अवसरों की तलाश में दूसरी जगहों को खोजा और वहां पर प्रवास किया. कोलंबस ने अमेरिका को खोजा और फिर यूरोप से अमेरिका की ओर प्रवास का सिलसिला शुरू हुआ. इन्हीं माइग्रेट करने वाले लोगों ने अमेरिका को बनाया और बसाया. भारत समेत तमाम एशियाई देशों की भी यही सच्चाई है.

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पूरी दुनिया में औपनिवेशिक ताकतें कमजोर हुईं और उन्होंने उन देशों को अपने शिकंजे से मुक्त कर दिया जो वर्षों से इन औपनिवेशिक शक्तियों की गुलामी को झेल रहे थे. नए बने राष्ट्रों में राष्ट्रवाद कुलांचें मारने लगा जिस से उन्होंने अपनी सीमाओं की घेराबंदी शुरू कर दी. इस का नतीजा यह हुआ कि माइग्रेशन बंद हो गया. राष्ट्रवाद के नाम पर दुनिया के तमाम देश आइसोलेट हो कर अपनीअपनी सीमाओं में बंद हो गए.

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