असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल के विधनसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी हिदुत्व कार्ड पर ही यकीन कर रही है. उसने देश के विकास और दूसरी समस्याओं से बचने के लिये अपने पुराने हिन्दुत्व कार्ड का प्रयोग किया है. असम में बंगलादेश से आने वाली मुसलिम शरणार्थियों को भाजपा ने मुद्दा बना लिया है. असम में मुसलिमों की आबादी 35 फीसदी है. असम में रहने वाले मूल मुसलिम आबादी बहुत कम है. ज्यादातर मुसलिम आबादी बंगलादेश से आई हुई है. असम के चुनाव में इस शरणार्थी आबादी का अहम रोल होता है. भाजपा इस बार इस मुद्दे को हवा देने में के लिये हिन्दुत्व का सहारा ले रही है. असम के लोगों में हिन्दुत्व का जो अंडर करंट चल रहा है वह कांग्रेस को परेशान कर रहा है. भाजपा ने 2 साल में मोदी सरकार की आलोचना के प्रभाव को कम करने के लिये हिन्दुत्व का सहारा लिया है.
केरल में भी भाजपा हिन्दुत्व का सहारा ले रही है. यहां के मुख्यमंत्री ओमन चांडी को भरोसा है कि शराबबंदी की उनकी पहल से महिला वोटरों पार्टी को वोट देगी. केरल में महिला वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है. ऐसे में ओमान चांडी को अपने पर भरोसा है. हिन्दुत्व को हवा देने के लिये भाजपा हिन्दुत्ववादी नेता लालकृष्ण आडवाणी के दौरे को बढाने का प्रयास कर रही है. 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को केरल में 10.33 फीसदी वोट मिले थे. यहां राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ यानि आरएसएस भाजपा के लिये खुल कर काम कर रहा है. केरल में करीब 45 फीसदी इसाई और मुसलिम है. हिन्दू करीब 55 फीसदी है. हिन्दुओं ने कभी एकजुट होकर वोट नहीं दिया है. भाजपा को उम्मीद है कि यह हिन्दू वोटर इस बार उसका साथ देगा.
भाजपा पश्चिम बंगाल में भी बंगलादेशी शरणार्थियों को मुद्दा बना कर भाजपा दूसरे दलों को हाशिये पर लाने का काम कर रही है. ममता बनर्जी से नाराज हिन्दुओं को भाजपा अपने पक्ष में करने में लगी है. पश्चिम बंगाल में वामपंथी सरकारों से नाराज लोगों ने ममता बनर्जी को वोट देकर तृणमूल सरकार बनाई थी. ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ भाजपा हिन्दुत्व का कार्ड खेल रही है. इसको हवा देने के लिये भाजपा ने हिन्दुत्व के फायर ब्रांड नेताओं को पश्चिम बंगाल चुनावों में प्रचार की कमान दी है. तमिलनाडु में भाजपा ने हिन्दुत्व को मुद्दा देने के साथ ही जयललिता के भ्रष्टाचार को अपना चुनावी अस्त्र बनाया है. भाजपा के रणनीतिकार मानकर चल रहे है कि मोदी सरकार की नाराजगी को दूर करने का एक ही उपाय है कि हिन्दुत्व को आगे बढाया जाये. भाजपा को केरल और असम में हिन्दुत्व के ‘अंडर करंट’ का पक्का यकीन है. देखने वाली बात यह है कि इस ‘अंडर करंट’ से वोट का कितना लाभ होगा. इन चुनावों के बाद भाजपा उत्तर प्रदेश विधनसभा चुनावों में भी हिन्दुत्व के मौडल कर कदम आगे बढायेगी.