सियासत में स्वार्थी ऊंट कब किस करवट बैठ जाए कहा नहीं जा सकता. कल तक नरेंद्र मोदी और सुशील मोदी की माला जपने वाले अभिनेता कम नेता शत्रुघ्न सिन्हा आजकल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गुणगान करते नहीं थक रहे. डायलौगबाजी के लिए मशहूर शत्रु सियासत का कौन सा ड्रामा खेल  रहे हैं, पढि़ए बीरेंद्र बरियार ज्योति के लेख में.

शौटगन यानी शत्रुघ्न सिन्हा ने एक बार फिर पौलिटिकल फायरिंग शुरू कर दी है. यह उन का पुराना चुनावी हथकंडा है. चुनाव के करीब आते ही वे फिल्मी स्टाइल में दहाड़ लगा कर सामने वाले को ‘खामोश’ करने की कवायद शुरू कर देते हैं. बिहार भाजपा के अंदर अगले लोकसभा चुनाव में शत्रुघ्न को बेटिकट करने की हवा ने उन्हें बौखला दिया है. सो, वे भाजपा नेतृत्व पर दबाव बनाने के लिए ‘नीतीश चालीसा’ पढ़ने लगे हैं.

फिल्मों में तो शत्रुघ्न की ‘खामोश’ की गर्जना सुन कर सामने वाला चुप हो जाता था पर सियासत में उन का यह मशहूर डायलौग लोगों को कई तरह की बातें बोलने को उकसा देता है. सियासत में लोगों को खामोश होने के बजाय बकबक करने में ज्यादा महारत हासिल होती है. कुछ दिन पहले ही नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के तौर पर प्रोजैक्ट करने के खिलाफ बोल कर शत्रु भाजपा की काफी फजीहत करा चुके थे और अब उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ में कसीदे पढ़ कर नया बावेला खड़ा कर दिया.

‘नीतीश कुमार में पीएम मैटेरियल है’ और ‘बिहार में राजग गठबंधन के टूटने के लिए नीतीश जिम्मेदार नहीं हैं’ यह कह कर शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी पार्टी भाजपा की छीछालेदर कर दी. गठबंधन टूटने के बाद से भाजपा लगातार नीतीश कुमार और उन की सरकार पर हमले कर रही है और कई मसलों पर उन्हें कठघरे में खड़ा कर अपनी राजनीति चमकाने में लगी हुई है. ऐसे में उस के ही एक सांसद ने नीतीश की तारीफों के पुल बांध कर उस की राजनीति को मटियामेट कर डाला. भाजपा के एक बड़े नेता कहते हैं कि शत्रु अकसर अपने नाम के लिहाज से ही काम करते हैं. दोस्ती निभाना उन की फितरत में नहीं है. जहां रहते हैं वहां वे ‘शत्रु’ की तरह व्यवहार करते हैं, इसी वजह से फिल्म इंडस्ट्री और राजनीति में उन्होंने अपने कई ‘शत्रु’ खड़े कर लिए हैं.

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