Bihar Elections : मतदाता सूची में बदलाव को ले कर बिहार में बवाल मचा हुआ है. ईसीआई के तुगलकी हुक्म से करोड़ों वोटर हैरान परेशान हैं जिन में सब से ज्यादा गैर सवर्ण हैं. क्या इन्हें एक साजिश के तहत वोट डालने से वंचित किया जा रहा है और क्यों बारिश के मौसम में बिहार में एकाएक ही चुनावी बाबाओं और धार्मिक आयोजनों की चुनावी बाढ़ आ गई है?
धीरेन्द्र शास्त्री उर्फ़ बागेश्वर बाबा और उन के गुरु राम भद्राचार्य ने भाजपा की तरफ से एलान कर दिया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में मुद्दा सिर्फ और सिर्फ हिंदुत्व है. बेरोजगारी, पिछड़ापन, गरीबी, शिक्षा बदहाली और गरीब मजदूरों के पलायन से चुनाव का कोई लेना देना नहीं. ये सब बेकार की बातें हैं तुक की इकलौती बात धर्म हिंदुत्व और राष्ट्रवाद है. चुनाव आयोग भी कैसे इस मुहिम को अंजाम देने में जुट गया है यह जानने से पहले इन बाबाओं के भाषणों पर गौर करें तो लगता है कि वह और बाबा एक ही थैली के चट्टेबट्टे हैं.
पटना के गांधी मैदान में आयोजित सनातन महाकुम्भ में दहाड़ते हुए धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा -
1- अगर भारत हिंदू राष्ट्र बना तो पहला राज्य बिहार होगा. हिंदू राष्ट्र का नक्शा बना तो उस की शुरुआत बिहार से ही होगी.
2 - अगर हिंदू धर्म पर हमला हुआ तो मैं जबाब दूंगा, मेरा सपना भगवा - ए - हिन्द है.
3 - मैं मुसलमानों या ईसाइयों से नहीं बल्कि उन हिंदूओं से नाराज हूं जो जातिगत विभाजन फैला रहे हैं.
4 - मेरा मकसद राजनीति करना नहीं है, मैं तो रामनीति की बात करने आया हूं.
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