भारतीय जनता पार्टी के पास चुनाव जीतने और सत्ता में बने रहने के लिए सिर्फ एक दांव है - हिंदूमुसलिम के बीच नफरत बढ़ाओ. आम जनता के जीवन स्तर को ऊपर उठाने, युवाओं को नौकरी देने, गरीब बच्चों के भोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य की दिशा में काम करने, महिलाओं की सुरक्षा, अपराधों में कमी लाने और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने जैसे हजारों मुद्दे हैं जिस के लिए जनता सरकार चुनती है, वह चाहती है कि सरकार इन मुद्दों पर काम करे ताकि आम लोगों का जीवन सुगम और सुखी हो, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के पास सिर्फ एक ही मुद्दा है - धर्म.

 

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धर्म के नाम पर भाजपा बड़ी आसानी से लोगों को उत्तेजित कर लेती है. धर्म के झांसे में जनता को फंसा कर उसे मूल मुद्दों से भटका देती है. जनता भोली है वह भाजपा की राजनीतिक चालबाजियों को नहीं समझ पाती और राजनीति उसे जैसे हांकती है वह उसी ओर मुड़ जाती है. कभी बीमारी से लड़ने के लिए तालीथाली बजाती है तो कभी धर्म के नाम पर उकसाने पर अपने उस पड़ोसी के सीने में छुरा भोंक आती है, जिस के साथ बरसों से उस का प्रेमपूर्ण मैत्री सम्बन्ध बना हुआ था.

भाजपा हिंदू के दिल में मुसलमान के लिए नफरत के बीज डालती है. कि देखो मुसलमान ढेरों बच्चे पैदा कर रहे हैं, मुसलमानों की आबादी बढ़ रही है. वे तुम्हारा हक, तुम्हारी जमीन, तुम्हारा अनाज खा जाएंगे. वे तुम्हारी औरतों का मंगलसूत्र छीन लेंगे. अगर तुम ने भाजपा के अलावा किसी और को वोट दिया तो वे सत्ता में आते ही तुम्हारे हिस्से का आरक्षण मुसलमानों को दे देगी. मुसलमान आततायी हैं, घुसपैठिये हैं, उस ने तुम्हारे भगवानों को बेघर कर के उन जगहों पर अपनी मस्जिदें बना लीं. जनता उत्तेजित हो जाती है. वह समझने लगती है कि उन की भूख से बड़ा मुद्दा भगवान का है.

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