कहानी प्राचीन काल की है कि एक गांव में एक अंधा और एक लंगड़ा रहते थे. दोनों को शहर मेले में जाना था. एक देख नहीं सकता था, दूसरा चल नहीं सकता था. उन्हें एक युक्ति सूझी. लंगड़ा अंधे के कंधे पर बैठ कर उसे राह दिखाने लगा और दोनों ने मेले में पहुंच कर खूब लुत्फ उठाया. इस कहानी से परस्पर सहयोग और तात्कालिक सूझबूझ की नैतिक शिक्षा मिलती थी.
दशकों बाद इस कथा का चित्रांकन छत्तीसगढ़ राज्य में हुआ जहां मायावती की बसपा और अजीत जोगी की छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के बीच गठबंधन हो गया है.
राज्य में इन दोनों का ही कोई उल्लेखनीय जनाधार नहीं है, फिर भी इन्हें उम्मीद है कि बदलाव के लिए छटपटा रहा वोटर इन्हें सत्ता के मेले में पहुंचाएगा. अब सोचने वाले भले ही सोचते रहें कि मायावती पर भाजपा का दबाव है कि वे कांग्रेस से गठबंधन करेंगी तो सीबीआई को उन के भाई पर चल रहे मामलों की याद आ जाएगी और अजीत जोगी ने सीएम रहते इतने कल्याणकारी काम किए थे कि जनता उन्हें 2003 में चलता कर देने की भूल सुधारेगी.