बौलीवुड ऐक्ट्रैस कंगना रनौत को बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है. जिस के बाद से हिमाचल की यह सीट बेहद हौट बन गई है. कंगना रनौत पहली बार चुनावी मैदान में उतर रही हैं. कंगना के मंडी से उम्मीदवार बनने के साथ ही यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर बीजेपी ने मंडी से ही कंगना को क्यों उतारा? क्या सिर्फ कंगना का मंडी की बेटी होना इस सीट को जितने के लिए काफी है? या फिर मंडी की सीट पर बीजेपी इतनी आश्वस्त है कि उस ने किसी बड़े नेता की जगह पहली बार चुनाव में कूद रही फिल्म अदाकारा को मैदान में उतार दिया. आइए जानते हैं क्या है मंडी का समीकरण.

कंगना महज 17 साल की थी, तभी उन्होंने अपना घर छोड़ दिया था. क्योंकि घरवाले उन के फैसले के खिलाफ थे. उन के घरवाले चाहते थे कि वो डाक्टर बने. लेकिन उन्हें तो ऐक्ट्रैस बनना था. बौलीवुड पर राज करने के बाद कंगना ने राजनीति की तरफ रुख करते हुए बीजेपी में हिस्सा लिया और इस बार वो लोकसभा चुनाव में मंडी से चुनावी मैदान में हैं.

बीजेपी का दांव

मंडी लोकसभा सीट में राजपूत वोटरों की संख्या सब से अधिक है. इस सीट पर हमेशा से राजपूत और ब्राह्मण वोटरों का दबदबा रहा है. कंगना रनौत राजपूत बिरादरी से आती हैं. ऐसे में बीजेपी ने जातीय समीकरण को साधने के लिए कंगना को मैदान में उतारा है.

मंडी में बीजेपी का दबदबा

मंडी जिले में 10 विधानसभा सीटें आती हैं. 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी का अच्छा प्रदर्शन रहा है. जिस में बीजेपी ने मंडी की 10 सीटों में से 9 पर कब्जा जमाया है. प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों में बीजेपी ने 25 पर जीत दर्ज की, जिन में केवल मंडी से ही बीजेपी ने 9 सीटें अपने खातें में कीं. ऐसे में बीजेपी के लिए हिमाचल में यह सीट सब से सेफ है.

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