यूपीए सरकार 2014 में मोदी लहर में बह गई थी. भाजपा प्रवक्ता सय्यद शाहनवाज हुसैन दावा करते हैं कि पहले मोदी लहर आई थी तो अब की बार 2019 में मोदी सुनामी आने वाली है. मगर अंदरखाने खबर यह है कि अब की बार भाजपा की धुकधुकी बज रही है, क्योंकि 2014 में सत्ता पाने की कोशिश में भाजपा के कर्णधार नरेंद्र मोदी ने जनता को लुभाने के लिए जो बड़ेबड़े वादे किए थे, वे ज्यादातर हवाहवाई निकले.

2014 में तत्कालीन यूपीए सरकार के दोषों को गिनवाते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा था :

-     अगर हम सत्ता में आए तो देश विकास के पथ पर तेजी से बढ़ेगा. हम हर साल 2 करोड़ नौकरियां देंगे.

-    देश से बेरोजगारी मिटा देंगे.

-     भ्रष्टाचारियों को जेल भेजेंगे.

-     कालाधन वापस लाएंगे और हर नागरिक के बैंकखाते में 15-15 लाख रुपए जमा कराएंगे.

-     हर देशवासी को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराएंगे.

जनता ने भी उन के वादों पर एतबार किया था, इस के चलते ही भाजपा को भारी बहुमत मिला और नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने. मगर 5 साल के कार्यकाल में उन के ज्यादातर वादों की हवा निकल चुकी है. पार्टी व सरकार नोटबंदी, जीएसटी, आरबीआई, राममंदिर, गौरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी, दलितों की पिटाई, आरक्षण को कमजोर करने की कोशिश जैसे बड़े मुद्दों पर बैकफुट पर हैं.

हाल ही में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों ने तो भाजपा की बेचैनी को और ज्यादा बढ़ा दिया है. जहां वह 5 में से 5 में बुरी तरह हारी.

मोदीराज में भुखमरी से मौतें

जुलाई 2017 में दिल्ली के मंडावली इलाके में एक रिकशाचालक की 3 नन्हीं बच्चियां भूख से तड़पतड़प कर मर गईं. पोस्टमौर्टम रिपोर्ट से भी इस बात का खुलासा हुआ. 8 साल की शिक्षा, 4 साल की मानसी और 2 साल की पारुल भूख के कारण अकाल मृत्यु का शिकार हो गईं.

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