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Loksabha Election 2024: इस लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी ने बिहार में 6 महिला उम्मीदवार उतारे हैं जबकि भाजपा ने बिहार में एक भी महिला को अवसर नहीं दिया. राजद की लिस्ट में बिहार की कुल 22 सीटों पर जिन 6 महिला उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है उन में लालू यादव की दोनों बेटियों के नाम भी शामिल हैं. इस में रोहिणी आचार्य को सारण से तो मीसा भारती को पाटलिपुत्र से उम्मीदवार बनाया गया है. बीजेपी ने मीसा के खिलाफ पाटलिपुत्र से राम कृपाल यादव को उम्मीदवार बनाया है जो पिछली दफा मीसा को शिकस्त दे चुके हैं.

मीसा भारती आरजेडी से राज्यसभा सांसद हैं. वह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की सब से बड़ी बेटी हैं. उन का जन्म तब हुआ जब देश में इमरजैंसी लगी थी. उस समय MISA यानी मेंटेनेंस औफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट लगा था. लालू ने इसी के नाम पर अपनी बेटी का नाम मीसा रखा था. 1976 में जन्मी मीसा पेशे से डाक्टर हैं. उन्होंने पटना के पीएमसीएच से एमबीबीएस की पढ़ाई की. मीसा भारती पटना मैडिकल कौलेज की बैडमिंटन चैंपियन रह चुकी हैं.

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मीसा पहली बार खबरों में तब आई थी जब उन्होंने पटना मैडिकल कालेज एंड हौस्पिटल में एमबीबीएस में दाखिला मिला. तब ये आरोप लगे थे कि लालू प्रसाद यादव ने ये एडमिशन अपनी पहुंच के आधार पर करवाया. मामला तब भी सुर्खियों में आया जब मीसा भारती ने एमबीबीएस में टौप किया. लालू के राजनीतिक विरोधी ये कहते रहे कि मीसा कभी भी पढ़ाई में अच्छीा नहीं रहीं. इसलिए उन का टौप करना संदेह के घेरे में है.

मीसा तब भी खबरों में रहीं जब 1999 में उन्होंने शैलेश कुमार नाम के कंप्यूटर इंजीनियर से शादी की थी. उस समय शादी पर हुए खर्च पर भी विवाद उठा था.

कुछ समय पहले मीसा ने कहा था कि वे डाक्टरी की प्रैक्टिस इसलिए नहीं कर सकीं क्योंकि पढ़ाई के बाद उन की शादी हो गई थी और दोनों के बीच समन्वय बिठाना उन के लिए आसान नहीं होता. उन की 2 बेटियों और एक बेटा है.

मीसा भारती सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं. उन के पोस्ट नरेंद्र मोदी सरकार पर हमले से भरे होते हैं. मीसा के मुताबिक राजनीति में वे अपने पिता के कारण नहीं बल्कि अपनी मर्जी से आई हैं.

राजनीतिक कैरियर

मीसा ने अधिक-से-अधिक गरीबों की सेवा की भावना को ले कर राजनीति में प्रवेश किया. मीसा का राजनीतिक कैरियर का ग्राफ अभी बहुत ऊंचा नहीं है मगर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि वह हमेशा एक्टिव रही हैं. वर्ष 2010 के विधान सभा चुनाव में मीसा भारती राजनीति में सक्रिय हुईं. पार्टी नेताओं व प्रत्याशियों के समर्थन में सभाओं में शामिल हुईं. युवा नेता के रूप में उन्होंने अपनी पहचान बनाई.

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से राजद की प्रत्याशी बनी. वह भले ही चुनाव में पराजित हुई लेकिन राजनीतिक क्षेत्र में उन की एक अलग पहचान बनी. वर्ष 2016 में वह राज्यसभा के लिए चुनी गई. साथ ही वह उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण समिति की सदस्य बनीं. 2017 में विदेश मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दीं.

मीसा ने 2019 में भी पाटलिपुत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन तब भी उन्हें शिकस्त का ही सामना करना पड़ा. साल 2022 में वह फिर से राज्यसभा सांसद बनीं. अब इस लोक सभा चुनाव में वह काफी जोशोखरोश के साथ मैदाने जंग में उतरी हैं.

राबड़ी देवी और लालू प्रसाद यादव अपनी 7 बेटियों में सब से बड़ी मीसा को सब से ज्याोदा लाड़ करते हैं. इस बात को वे टीवी शो में भी कह चुके हैं. शायद यही वजह है कि लालू ने केंद्र की राजनीति में मीसा भारती को अपने उत्तराधिकारी के रूप में पेश किया. मीसा को राजद के टिकट से राज्यसभा में भेजा गया.

पाटलिपुत्र से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद मीसा भारती ने कहा कि पाटलिपुत्र से केंद्र की जनविरोधी नीति और आमजन के मुद्दों की रक्षा के लिए वह एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरी हैं. केंद्र की जनविरोधी नीति, महंगाई और बेरोजगार के साथ गरीबों और महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं.

इलैक्टोरल बौंड के माध्यम से सरकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है. विरोधियों को जेल में डाला जा रहा है, जिस से जनता आहत है और सरकार बदलना चाहती है. जिस के खिलाफ वे आवाज बुलंद करती रहेंगी.

विवादों के घेरे में मीसा

मनी लौन्ड्रिंग मामला

लालू की बेटी मीसा और उन के पति शैलेश पर मनी लौन्ड्रिंग को ले कर आरोप लग चुके हैं. मनी लौन्ड्रिंग एक्ट के तहत ईडी की छापेमारी की गई है. 8000 करोड़ की ब्लैक मनी को व्हाइट कराने के मामले की जांच चली. आरोपों के मुताबिक मीसा और शैलेश की कंपनी मिशेल में 4 शैल कंपनियों के जरिए पैसा आया था. इसी पैसे से दिल्ली में फार्म हाऊस खरीदा गया था.

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के कान्फ्रेंस को ले कर हुआ विवाद

इस के पहले मीसा भारती के साथ बड़ा विवाद जुड़ा 2015 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के इंडिया कौन्फ्रेंस को ले कर. 7 मार्च 2015 को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंडिया कौन्फ्रेंस हुई थी जिस में मीसा बतौर औडियंस आमंत्रित की गई थीं. लेकिन वहां की डायस पर लैक्चर देती उन की एक तस्वीर भारतीय अखबारों ने इस कैप्शन के साथ छापा कि मीसा ने वहां लैक्चर दिया. इस पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने खंडन जारी किया.

मैडिकल कालेज में टौप करने की कंट्रोवर्सी

इस के पहले मीसा भारती के मैडिकल परीक्षा में टौप करने पर भी सवाल उठे थे. उन्होंने साल 2000 में पटना मैडिकल कालेज से एमबीबीएस किया. वे अपने बैच में टौपर रहीं. तब विपक्ष ने उन के टौप करने पर सवाल उठाए गए थे लेकिन इस पर ज्यादा विवाद नहीं हुआ. मीसा डाक्टर हैं लेकिन उन्हें कभी प्रैक्टिस करते नहीं देखा गया.

गहरी राजनीतिक समझ

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की पुत्री डा. मीसा भारती बेहतरीन वक्ता हैं. वे गहरी राजनीतिक समझ रखती हैं. लालू प्रसाद की मानें तो मीसा सिर्फ उन की बेटी नहीं आंदोलन की बेटी है. मीसा भारती का जन्म ही जेपी आंदोलन के दौरान हुआ था. तब लालू प्रसाद मीसा कानून के तहत जेल में बंद थे.

मीसा को राजनीति विरासत में मिली है. उन्होंने बचपन से ही अपने घर पर बड़ेबड़े राजनीतिज्ञों को राज्य व देश की चिंता करते देखा है. वैसे मीसा ने राजनीति में तब कदम रखा जब लालू प्रसाद और राबड़ी देवी बिहार की सत्ता से बाहर हो गई थीं. मीसा के स्वभाव में संवेदनशीलता, धैर्य और साहस काफी नजर आता है.

मीसा भारती की ताकत की बात की जाए तो वह कुशल वक्ता हैं और राजनीति की गहरी समझ रखती हैं. वह मिलनसार और कुशल संगठनकर्ता हैं. वंचितों और गरीबों के प्रति सहानुभूति रखती हैं. उन की कमजोरी उन की तुनुकमिजाजी है. वंशवाद से प्रभावित हैं और पार्टी पर अभी आंतरिक पकड़ नहीं है.

डा. मीसा भारती ने अपने एक भाषण में कहा कि शोषितों, वंचितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों और समाज के सभी वर्गों के मानसम्मान और उन को भागीदारी देने में राष्ट्रीय जनता दल हमेशा आगे रही है. इस बार केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों, महंगाई, गरीबों के साथ अन्याय, महिलाओं पर हो रहे अत्याचार में भाजपा नेताओं की संलिप्तता तथा उन के साथ न्याय नहीं होने के कारण महिलाओं में जो गुस्सा है वो स्पष्ट रूप से दिख रहा है.

इन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार गरीबों तथा किसानों के साथ न्याय नहीं कर रही है और उन्हें सड़कों पर खड़ा कर दी है. केन्द्र सरकार विपक्षी दलों की आवाज को बंद करने के लिए लगातार साजिश कर रही है, जबकि इलैक्टोरल बौंड के माध्यम से भ्रष्टाचार को किस तरह से बढ़ावा दिया जा रहा है इस पर चुप्पी साध ली है. इस बार मुद्दों के आधार पर जनता के बीच जाएंगे और जनता को केंद्र सरकार की जनविरोधी और आम लोगों को परेशान करने वाली नीतियों से अवगत कराएंगे.

मीसा भारती अपने कामों के लिए जानी जाती हैं. वह बिहार के ग्रामीण इलाकों में लैंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण, बालिका शिक्षा, महिलाओं के खिलाफ अपराध, राजनीति में महिलाओं की भागीदारी और नीतिगत मामलों में भी दिलचस्पी लेती हैं. वे देशों के यात्रा-वृत्तांतों, इतिहास और संस्कृति और भू-राजनीति में भी रुचि रखती है.

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