छत्तीसगढ़ में लखीमपुर-खीरी कांड की प्रतिक्रिया जैसे अपेक्षित थी वैसी रही.किसान आनंद कंवर के मुताबिक जैसा हत्या कांड हमने लखीमपुर खीरी में देखा है वह दहशत पैदा करता है और भाजपा नेताओं के प्रति मन में घृणा. किसान जागेश्वर गठिया के मुताबिक उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कि जिस तरह उच्चतम न्यायालय में खबर ली गई है उसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. दरअसल लखीमपुर खीरी में घटित घटना मानो एक संहार, नरसंहार के रूप में याद की जाएगी . क्योंकि इस घटनाक्रम के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ और सरकार का रवैया अपेक्षाकृत लोकतंत्र के, एक तानाशाही पूर्ण रूप में उभर कर सामने आया है. यही कारण है कि देश के उच्चतम न्यायालय ने दोषी केंद्रीय मंत्री के पुत्र के संदर्भ में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सवाल किए हैं .
दरअसल,जब भारतीय जनता पार्टी एक राजनीतिक दल के रूप में बमुश्किल सत्ता हासिल करती है तब वह भूल जाती है कि विपक्ष में रहते समय उसे सत्ता पक्ष ने किस तरह का व्यवहार किया था. और अब उसका दायित्व है कि वह विपक्ष को हालाकान परेशान ना करें और अपना फर्ज निभाने दे. लोकतंत्र में विपक्ष ही लोगों के पीरा और समस्याओं को आवाज देता है यह काम आज अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नमक दे कर रहे हैं ऐसे में प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी से माहौल और भी बिगड़ा है और सत्ता के प्रति आम जनमानस में आक्रोश पैदा हुआ है. इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है कि लोकतंत्र में सत्ता और विपक्ष एक सिक्के के दो पहलू हैं. कभी कोई एक पार्टी राज करती है तो कभी कोई दूसरी पार्टी. ऐसे में आज योगी आदित्यनाथ की सरकार किसी राजशाही सत्ता की तरह व्यवहार कर रही है जो शर्मनाक है.
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