अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में इलैक्टोरल कालेज सिस्टम का प्रयोग होता है. इसलिए अधिक मतदान से ज्यादा जरूरी यह है कि आप किन राज्यों में जीत दर्ज कर रहे हैं. अमेरिका में 50 राज्य हैं. लेकिन यह देखा गया है कि इन राज्यों में अधिकतर मतदाता हमेशा एक ही पार्टी को वोट देते हैं. ऐसे राज्य बहुत कम हैं जहां दोनों उम्मीदवार जीत की उम्मीद लगा सकें. मगर यही राज्य चुनाव में जीत और हार तय करते हैं. इन्हें अमेरिका में बैटलग्राउंड स्टेट्स कहा जाता है.
फ़िलहाल सात बैकग्राउंड राज्यों में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर जारी है. इन में पेनसिल्वेनिया राज्य काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि यहां इलैक्टोरल कालेज के सर्वाधिक वोट हैं. और यहां मिली जीत के सहारे कोई भी उम्मीदवार अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के लिए आवश्यक 270 इलैक्टोरल कालेज के वोटों का जादुई आंकड़ा छू सकता है.
पेनसिल्वेनिया, मिशिगन और विस्कानसिन 2016 में ट्रंप के राष्ट्रपति पद के चुनाव जीतने से पहले डैमोक्रेटिक पार्टी का गढ़ था. जो बाइडन ने 2020 के चुनावों में इसे वापस हासिल कर लिया. अगर कमला हैरिस वैसा प्रदर्शन कर सकीं तो वो निश्चित चुनाव जीत जाएंगी, इस में कोई शक नहीं है.
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट 10 सितम्बर को हुई जो काफी दिलचस्प और आक्रामक रही. करीब 90 मिनट तक चली इस डिबेट में कमला हैरिस और ट्रंप ने एकदूसरे की नीतियों की जम कर आलोचना की और एकदूसरे पर व्यक्तिगत हमले भी किए.
कमला हैरिस ने डोनाल्ड ट्रंप पर चल रहे मुकदमों और 2020 के चुनाव में हार न स्वीकारने को ले कर जोरदार हमला किया. वहीं मौडरेटर ने जब ट्रंप की एक विवादास्पद टिप्पणी जिस में उन्होंने कमला हैरिस की नस्ली पहचान के बारे में कहा था, को ले कर सवाल उठाया तो ट्रंप उस सवाल को टालते हुए कहा, ‘मुझे फर्क नहीं पड़ता कि वो क्या हैं.’ इस पर कमला हैरिस ने उन को आड़े हाथों लिया और बोलीं, ‘ये एक त्रासदी है. वो व्यक्ति अमेरिका का राष्ट्रपति बनना चाहता है, जिस ने हमेशा अमेरिका को नस्लीय आधार पर बांटने की कोशिश की है.’
90 मिनट की बहस में कमला हैरिस की आक्रामक बहस ने डोनाल्ड ट्रंप को बारबार परेशान किया. कमला हैरिस ने ट्रंप को उन की रैली में भीड़ की संख्या और कैपिटल हिल पर हुए हमले को याद दिलाया. हैरिस ने उन अधिकारियों का भी जिक्र किया जो कभी ट्रंप के साथ थे और अब उन की जम कर आलोचना करते हैं. कमला हैरिस ने ट्रंप को उकसाया कि वो उन अधिकारियों का बचाव करें. हालांकि ट्रंप हैरिस की मंशा समझ रहे थे इसलिए वे उन की ज्यादातर बातों को टालने की कोशिश करते नजर आए. कई जगह ट्रंप कमला हैरिस के तर्कों के सामने बेबस भी दिखे.
जैसेजैसे डिबेट आगे बड़ी, कमला हैरिस ने ट्रंप को बचाव की मुद्रा में ला दिया. हैरिस ने कई तरह से प्रहार और कटाक्ष किए, जिन का जवाब देने के लिए ट्रंप बाध्य महसूस कर रहे थे. अगर बहस इस बात पर जीती या हारी जाती है कि उम्मीदवार उन मुद्दों का सब से अच्छा फायदा उठाए जो मतदाताओं से सीधे जुड़े हैं तो कमला हैरिस इस मामले में भी सफल रहीं. कमला हैरिस मुद्दों को अपने हिसाब से मोड़ने में भी कामयाब रहीं.
कमला हैरिस ने ट्रंप को कमजोर कह कर उन का मजाक उड़ाया. उन्होंने कहा कि विदेशी नेता उन पर हंस रहे थे. वे इतने बोरिंग भाषण देते हैं कि लोग थकान और ऊब के कारण उन की रैलियों से जल्दी चले जाते हैं.
अमेरिका के लोग सोच रहे थे कि कमला हैरिस महंगाई, अप्रवासन और अफगानिस्तान वापसी जैसे विषयों पर कमजोर पड़ जाएंगी. मगर उन्होंने बहुत प्रभावशाली ढंग से उन मुद्दों पर बहस की, जबकि अधिकांश मामलों में ट्रंप अपने प्रहारों को प्रभावी ढंग से पेश करने में असमर्थ रहे और आने वाले दिनों में उन्हें इस चूक के लिए अफसोस हो सकता है.
दोनों उम्मीदवारों ने अमेरिकी मुद्दों के साथ रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास जंग, अमेरिकी सीमा से जुड़ी समस्या, अप्रवासन, अर्थव्यवस्था, कैपिटल हिल दंगे और अबौर्शन जैसे मुद्दों पर भी जम कर बहस की. उन की बहस में चीन, रूस, यूक्रेन, इजरायल और ईरान का मुद्दा भी बारबार उठा.
अर्थव्यवस्था या बौर्शन जैसे मुद्दों पर भी हैरिस ने सीधे कैमरे में देखते हुए अपनी बात रखी, मानो वो सीधे वोटर्स से बात कर रही हों. वहीं ट्रंप पूरी डिबेट में हैरिस से आंख मिलाने से बच रहे हैं. कई बार तो वो हैरिस के सवालों पर उन की ओर उंगली दिखा कर बात करते दिखे. अबौर्शन के मुद्दे पर डिबेट के दौरान ट्रंप काफी भड़क गए.
ट्रंप ने आरोप लगाया कि अगर कमला हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं तो वो अबौर्शन से जुड़े नियम बदल देंगीं. इस पर कमला ने ट्रंप पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. जब ट्रंप से सवाल किया गया कि आपने कहा था कि 6 हफ्ते बाद भी अबौर्शन की अनुमति देंगे, लेकिन आप पलट गए. तो ट्रंप ने जवाब देते हुए कहा, ‘डैमोक्रेटिक पार्टी प्रैग्नेंसी के 9वें महीने में अबौर्शन का अधिकार देना चाहती है. वर्जीनिया के पूर्व गवर्नर ने कहा था कि बच्चा पैदा होने के बाद देखा जाएगा कि उस का क्या करना है. जरूरत पड़ी तो उसे मार देंगे. इसलिए मैं ने अपना पक्ष बदला.’
इस पर पलटवार करते हुए कमला हैरिस ने कहा, ‘ट्रंप सिर्फ झूठ बोल रहे हैं. ट्रंप की वजह से आज 20 राज्यों में अबौर्शन पर बैन है. इस की वजह से एक रेप पीड़िता को अपने लिए फैसला लेने में दिक्कत आ रही है.’ कमला हैरिस ने कहा कि ट्रंप नहीं बता सकते कि महिलाओं को अपने शरीर के साथ क्या करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर राष्ट्रपति बनी तो अबौर्शन को मंजूरी देने देने वाला कानून लाया जाएगा.
दरअसल, अमेरिकी चुनाव में अबौर्शन एक बहुत बड़ा मुद्दा है. कमला हैरिस ने संघीय स्तर पर अबौर्शन के अधिकार को बहाल करने का वादा किया है. जबकि, ट्रंप का मानना है कि इस मुद्दे पर फैसला लेने का अधिकार राज्यों को होना चाहिए.
अमेरिका में अबौर्शन महिलाओं के लिए एक बड़ा और सेंसिटिव मुद्दा है. दो साल पहले तक अमेरिका में अबौर्शन का अधिकार था. 1973 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने रो बनाम वेड मामले में फैसला देते हुए महिलाओं अबौर्शन को अधिकार दिया था. रो बनाम वेड मामले में फैसला सुनाते वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एक महिला को अपनी प्रैगनेंसी खत्म करने का अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी महिलाओं को प्रैगनेंसी के 24 हफ्ते तक अबौर्शन करने का अधिकार दे दिया था. ये फैसला संघीय स्तर पर लागू हुआ, जिस कारण देशभर की सभी महिलाओं को अबौर्शन का अधिकार मिल गया. लेकिन, जून 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कर दिया था कि अबौर्शन को ले कर अमेरिका के अलगअलग अपने हिसाब से कानून बना सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले से पहले अमेरिका के 13 राज्य अबौर्शन को गैरकानूनी करार देने वाले कानून लागू कर चुके थे. और इस फैसले के बाद अब तक कई राज्य अबौर्शन पर पूरी तरह या फिर आंशिक रूप से प्रतिबंध लगा चुके हैं. न्यूयौर्क टाइम्स के मुताबिक, अमेरिका के 22 राज्य ऐसे हैं, जहां अबौर्शन पर या तो पूरी तरह प्रतिबंध है या फिर आंशिक रूप से.
अमेरिका की ज्यादातर महिलाएं अबौर्शन का कानूनी अधिकार चाहती हैं. इसी साल फरवरी में एक सर्वे हुआ था, जिस में ज्यादातर महिलाओं ने अबौर्शन का कानूनी हक मिलने की बात मानी थी. इस सर्वे में शामिल 74% महिलाओं ने माना था कि सभी मामलों में अबौर्शन का कानूनी अधिकार होना चाहिए. जबकि, जिन राज्यों में अबौर्शन पर बैन है, वहां की 67% महिलाओं का भी यही मानना था. एक सर्वे में शामिल रिपब्लिकन पार्टी के समर्थकों में से 57% ने ही अबौर्शन का हक मिलने की बात कही थी. जबकि, डैमोक्रेटिक पार्टी के 85% समर्थकों ने अबौर्शन के कानूनी अधिकार का समर्थन किया था. कमला हैरिस जहां अबौर्शन पर फैसला लेने का हक महिलाओं को देना चाहती हैं वहीं ट्रंप रूढ़िवादी जंजीरों में जकड़े हुए हैं. वे महिलाओं को अपने शरीर को ले कर आजाद नहीं होने देना चाहते. वे महिलाओं के शरीर को पुरुष के अधिकार में रखने के हिमायती हैं.
डिबेट के अंत में कमला हैरिस ने कहा, ”अमेरिका के भविष्य को ले कर उन का और ट्रंप का नजरिया बिल्कुल अलग है. मेरा ध्यान भविष्य पर है. ट्रंप अतीत में अटके हैं.”
ट्रंप ने कहा, ”कमला हैरिस की नीतियों का कोई मतलब नहीं है क्योंकि बीते 4 सालों में उन्होंने कुछ हासिल नहीं किया है. हमारा देश बरबादी के रास्ते पर है. पूरा विश्व हम पर हंस रहा है. अगर नवंबर में हैरिस चुनाव में जीत जाती हैं तो तीसरा विश्व युद्ध संभव है.”
गौरतलब है कि ट्रंप ने पिछली बहस में राष्ट्रपति जो बाइडेन को अपनी बहस और तर्कों से चुप करा दिया था, जबकि इस बार हैरिस ने अपने तर्कों से ट्रंप के पसीने छुड़ा दिए हैं.
हैरिस ने ट्रंप को 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को पलटने की कोशिश करने और कैपिटल हिल पर हिंसक भीड़ को उकसाने का दोषी ठहराया. उन्होंने तर्क दिया कि वह अमेरिका में ऐसे राष्ट्रपति को नहीं देख सकते जो अतीत की तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में मतदाताओं की इच्छा को कुचलने का प्रयास करे.
इस पर ट्रंप ने अपना बचाव करते हुए कहा कि 6 जनवरी, 2021 को कैपिटल पर हुए हमले से उनका कोई लेनादेना नहीं है. बहस के दौरान अमेरिका की आर्थिक नीतियों को ले कर भी दोनों में टकराव दिखा. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था भयानक हो चुकी है, मुद्रास्फीति भी रिकौर्ड स्तर पर है, जो लोगों के लिए आपदा है. वहीं हैरिस ने छोटे स्टार्टअप के लिए पर्याप्त कर क्रेडिट की अपनी योजनाओं का विस्तार से वर्णन किया, ट्रंप ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को अनुचित विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए टैरिफ पर ध्यान केंद्रित किया.
जनमत सर्वेक्षणों से पता चलता है कि कई अमेरिकी इस बात से नाखुश हैं कि बाइडन प्रशासन ने महंगाई और अर्थव्यवस्था को कैसे संभाला है. लेकिन हैरिस ने इस विषय को ट्रंप के प्रस्तावित टैरिफ की ओर मोड़ दिया, जिसे उन्होंने “ट्रंप बिक्री कर” करार दिया. डिबेट के दौरान कमला हैरिस का हाव भाव बहुत प्रभावी दिखा.
प्रवासियों के मुद्दे पर भी ट्रंप की बातों का कोई सबूत नहीं था. रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने प्रवासियों पर कुछ ऐसे आरोप लगाए, जिस को मौडरेटर ने ही ग़लत बताया. प्रवासियों को ले कर ट्रंप ने बेतुके दावे किए कि वे ‘पालतू जानवरों को खाते हैं.’
ट्रंप ने कहा, “वे कुत्तों को खाते हैं. वे लोगों के पालतू जानवरों को खाते हैं.”
डिबेट के मौडरेटर डेविड मुइर ने कहा कि ‘स्प्रिंगफील्ड के सिटी मैनेजर ने कहा है कि इस तरह का कोई सबूत नहीं है.’
ट्रंप ने कहा, “मैं ने टीवी पर ये कहते हुए लोगों को सुना कि मेरे कुत्ते को चुरा कर खा लिया गया.”
इस पर कमला हैरिस ने उन को आड़े हाथों लिया और कहा कि ट्रंप ‘बहुत बढ़ाचढ़ा कर बातें’ करते हैं.
स्प्रिंगफ़ील्ड के अधिकारियों ने साफ़ कहा कि इस तरह की कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं है कि ऐसा वाक़ई हुआ है.
डिबेट के दौरान रूस-यूक्रेन यूद्ध को ले कर भी बहस हुई. डोनाल्ड ट्रंप से पूछा गया कि “क्या वो यह चाहते हैं कि यूक्रेन युद्ध जीते?”
इस पर ट्रंप ने कहा, “मैं चाहता हूं कि वार रुक जाए.”
यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से अमेरिका पर पड़ने वाले असर पर ट्रंप ने कहा कि इस युद्ध में यूरोप को अमेरिका की तुलना में बहुत कम कीमत चुकानी पड़ रही है.
उन्होंने कहा कि वह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, दोनों को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं.
ट्रंप ने जो बाइडन को ऐसा अमेरिकी राष्ट्रपति कहा जो कहीं दिखते नहीं हैं.
इस पर कमला हैरिस ने पलटवार किया. हैरिस ने कहा, “आप बाइडन के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं, आप मेरे खिलाफ लड़ रहे हैं.”
वहीं यूक्रेन युद्ध के सवाल पर हैरिस ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ उन के मजबूत रिश्ते हैं. उन्होंने ट्रंप से कहा, “हमारे नेटो सहयोगी बहुत आभारी हैं कि आप अब राष्ट्रपति नहीं हैं. नहीं तो पुतिन कीएव में बैठे होते और यूरोप के बाकी हिस्सों पर उन की नजर होती.”
हैरिस ने कहा, “पुतिन एक तानाशाह हैं.”
इस पर ट्रंप ने कमला हैरिस को अब तक की सब से खराब उप-राष्ट्रपति कहा.
उन्होंने दावा किया कि वो आक्रमण से पहले यूक्रेन और रूस के बीच बातचीत कर के युद्ध को रोकने में असफल रहीं.
डिबेट में इजराइल-गज़ा के मुद्दे पर कमला हैरिस ने पुरानी बात ही दोहराई. उन्होंने कहा, “इजराइल को अपनी सुरक्षा का अधिकार है, लेकिन ये भी मायने रखता है कि इजराइल ये कैसे कर रहा है. ये युद्ध तुरंत खत्म होना चाहिए. साथ ही उन्होंने संघर्ष विराम और दो राष्ट्र समाधान की बात की.”
ट्रंप ने कहा, “ये संघर्ष शुरू ही नहीं होता अगर वो राष्ट्रपति होते.”
ट्रंप ने कहा, “हैरिस इजराइल से नफरत करती हैं. अगर हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं तो दो साल में इसराइल का कोई अस्तित्व नहीं बचेगा. जबकि मैं इस समस्या का तेजी से समाधान करूंगा.”
उन्होंने कहा कि ‘अगर वो दोबारा चुने जाते हैं तो रूस और यूक्रेन युद्ध को भी खत्म करेंगे.”
इस पर हैरिस ने चुटकी लेते हुए कहा, “सभी जानते हैं कि वो तानाशाहों को पसंद करते हैं और पहले दिन से ही वो खुद तानाशाह बनना चाहते हैं.”