जब से कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सेना द्वारा फांसी देने की खबर आई है तभी से पूरे देश में इसके खिलाफ आवाज उठ रही है और लोग इसका विरोध कर रहे हैं. इसके साथ ही पूरे भारत में पाकिस्तान के खिलाफ लोगों में गुस्सा है. भारत के लोगों ने पाकिस्तान की इस अमानवीय हरकत पर भारत सरकार से उसे सबक सिखाने की मांग की है. इतना ही नहीं भारत सरकार ने भी पाकिस्तान से बिलकुल साफ शब्दों में कह दिया है कि यदि कुलभूषण जाधव को फांसी दी गई तो हिंदुस्तान इसे सुनियोजित हत्या मानेगा.
इसी बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में साफ कहा है कि जाधव के जीवन की रक्षा के लिए वो अलग हट कर भी कार्यवाही कर सकती हैं और जाधव को बचाने के लिए भारत किसी भी हद तक जा सकता है. सुषमा स्वराज ने कहा कि जाधव का परिवार लगातार उनके संपर्क में है और परिवार सहित देश को भी भरोसा रखना पड़ेगा, हम निश्चित ही सफल होंगे.
उधर पाकिस्तानी मीडिया भी भारत में उबाल से पूरी तरह परिचित है. यहां तक पाकिस्तान की सरकार भी इस बात को जानती है कि भारत अब अपनी बात मनवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. पाकिस्तान में सरकार की कम और सेना की ज्यादा चलती है, इसीलिए सरकार और मीडिया दोनों में ही सेना का जबरदस्त खौफ है. सेना के किसी फैसले के खिलाफ बोलने की हिमाकत कोई नहीं कर सकता है. पाकिस्तान के बड़े अखबार और न्यूज चैनलों ने अपने आंकलन के आधार पर पाक सेना को कुलभूषण जाधव के खिलाफ जुटाए गए सबूत को सार्वजनिक करने की बात कही है.
पाकिस्तान की मीडिया के अनुसार अगर कुलभूषण जाधव को फांसी दी जाती है तो इसके बहुत ही गंभीर परिणाम आ सकते हैं. मीडिया का कहना है कि पाकिस्तान के इस कदम से भारत के साथ पाकिस्तान के संबंधों पर असर पड़ेगा, साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ये अहम मुद्दा बन जायेगा.
एक पाकिस्तानी अखबार ‘द नेशन’ के राजनीतिक और रक्षा विशेषज्ञ डॉ. हसन अस्करी ने अपने लेख में लिखा है कि जाधव को फांसी देने का फैसला ‘दोनों देशों के बीच दूरियां और भी बढ़ेगी. अस्करी ने कहा, ‘सेना ने जाधव को सख्त सजा दी है जो कि पाकिस्तानी कानून के मुताबिक ही है, लेकिन हमें यह देखना होगा कि पाकिस्तान इसके राजनीतिक और कूटनीतिक दुष्प्रभावों को झेल सकता है या नहीं.