दशकों तक 1 संतान की नीति के चलते चीन में इन दिनों कामकाजी लोगों की कमी की समस्या पैदा हो गई है. फर्राटे से आगे बढ़ती चीनी अर्थव्यवस्था को मुद्रा के अवमूल्यन से बड़ा झटका लगा है. इसे संभालने के लिए चीन को बड़े कार्यबल की जरूरत होगी. पर लगभग साढ़े 3 दशक पहले आबादी नियंत्रण के मद्देनजर लिया गया फैसला अब उस के गले की फांस साबित होने जा रहा है. 1 संतान की नीति के कारण एक तरफ चीन में बुजुर्गों की तादाद बढ़ती चली गई है तो दूसरी ओर युवाओं की संख्या में भारी कमी हो गई है जो उस के लिए चिंता का विषय है. इस स्थिति का प्रभाव सीधे कार्यबल पर पड़ने जा रहा है.
विशेषज्ञों की राय है कि अनुमानतया 1 संतान की नीति के कारण चीन ने अब तक कम से कम 40 करोड़ जन्म को रोका है. कार्यबल की समस्या का एहसास चीन को 5 साल पहले ही हो चुका था, लेकिन आबादी के मामले में अपनी नीति की समीक्षा करने और उस के मद्देनजर फैसला लेने में सरकार ने देर लगा दी. स्थिति इस कदर गंभीर हो गई कि चीन को 1 संतान की नीति बदलनी पड़ी. और अब चीन ने उस विवादास्पद नीति को खत्म कर देश में दो बच्चों की नीति को लागू कर दिया है. बिगड़ते लिंगानुपात और जन आक्रोश के चलते लिए गए इस फैसले से चीन की दुनियाभर में आलोचना हुई. हालांकि अब दो बच्चों की नई नीति लागू होने पर भी अलग तरह की सामाजिक समस्या पेश आ रही है.
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