Indian National Congress : कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में जिन गांरटी की बात की है वह जनता के कितने गले उतरेगी यह सोचने वाली बात है ?
2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस भारत जोड़ो न्याय यात्रा के 5 स्तंभों किसान न्याय, युवा न्याय, नारी न्याय, श्रमिक न्याय और हिस्सेदारी न्याय को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल किया है. हर वर्ग में 5 गारंटी हैं. इस तरह से कांग्रेस पार्टी ने कुल 25 गारंटियां दी हैं. 1926 से ही देश के राजनीतिक इतिहास में कांग्रेस घोषणापत्र को ‘विश्वास और प्रतिबद्धता का दस्तावेज’ माना जाता है. कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन का कहना है कि देश बदलाव चाहता है. मौजूदा मोदी सरकार की गारंटियां का वही हश्र होने जा रहा है जो 2004 में भाजपा की ‘इंडिया शाइनिंग’ नारे का हुआ था. इस के लिए हमारे हर गांव और शहर के कार्यकर्ता को उठ खड़ा होना होगा. घरघर अपने घोषणापत्र को पहुंचाना होगा.
हिस्सेदारी न्याय में गिनती करो यानी जातीय गणना का मुददा पहला है. दूसरा मुद्दा आरक्षण का हक है. जिस के तहत कहा गया है कि आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा रेखा हटा दी जाएगी. जनसंख्या हिस्सेदारी के अनुसार एससी और एसटी को बजट में हिस्सा दिया जाएगा. वन अधिकार के तहत जल, जंगल और जमीन का कानूनी हक दिया जाएगा. अपनी धरती अपना राज्य के तहत जहां एसटी सब से ज्यादा है वहां उन को हक दिया जाएगा. वह क्षेत्र एसटी घोषित होंगे.
साधारण तरह से देखें तो यह दिखता है कि हिस्सेदारी की इस गारंटी में ओबीसी का नाम नहीं है. जिस ओबीसी को ले कर राहुल गांधी भाजपा और मोदी से सवाल कर रहे थे वह पूरी तरह से गायब है. देश पर सब से अधिक समय तक कांग्रेस की हुकूमत रही है. उस ने कभी धर्म और जाति के मसले को हल करने की कोशिश नहीं की. ऐसे में जनता कांग्रेस की इन गारंटी पर कितना भरोसा करेगी यह अहम सवाल है.
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