गृहमंत्री अमित शाह ने 6 दिसंबर, 2023 को लोकसभा में कहा,"देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान हुए 2 बड़े ब्लंडर (बड़ी गलती) का खमियाजा जम्मूकश्मीर को सालों तक भुगतना पड़ा."
दरअसल, यह पहली दफा नहीं है जब 2013 के बाद नरेंद्र मोदी की सरकार के चेहरे पंडित जवाहरलाल नेहरू पर प्रश्नचिन्ह लगाते रहे हैं. देश के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में पंडित नेहरू को देश की आवाम आज भी याद करती है। सभी जानते हैं कि उन्होंने देश को कितनी ऊंचाइयां दीं. मगर भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा महात्मा गांधी और नेहरू परिवार के खिलाफ विष वमन कर के ही फैलती है.
शायद इसलिए मजबूरी में नेहरू परिवार पर आरोप लगाए जाते रहते हैं और इस के लिए अब बाहरी मंचों के साथ देश की संसद का भी उपयोग किया जाने लगा है.
कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना
सीधी और सच्ची बात तो यह है कि चाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या फिर अमित शाह, उन्हें अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए और बाकी पुराना सबकुछ इतिहास पर छोड़ देना चाहिए जो स्वयं तय करेगा की कौन नायक है और कौन खलनायक.
जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह का कहना था," नेहरू की 2 बड़ी गलतियां 1947 में आजादी के कुछ समय बाद पाकिस्तान के साथ युद्ध के समय संघर्ष विराम करना और जम्मू कश्मीर के मामले को संयुक्त राष्ट्र ले जाने की थी."
अमित शाह ने कहा," प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 में एक बार फिर प्रधानमंत्री बनेंगे और 2026 तक जम्मू कश्मीर से आतंकवाद का पूरी तरह खात्मा हो जाएगा."
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