कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का कहना है कि 2019 के आम चुनावों में अगर कांग्रेस की जीत होती है, तो वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में व्यापक बदलाव किए जाएंगे ताकि व्यापारियों, ग्राहकों और अन्य तबकों को राहत दी जा सके.
हिमाचल प्रदेश में चुनावी रैली में उन्होंने भाजपा के भ्रष्टाचार के आरोपों पर भी पलटवार किया. राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों पर पलटवार करते हुए दावा किया कि नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार इस पर्वतीय राज्य में भ्रष्टाचार का स्तर अन्य राज्यों से कम है. विकास के मानदंडों पर हिमाचल प्रदेश भाजपा शासित गुजरात से कहीं बेहतर है. उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने जिन रोजगारों का वादा किया था, वे कहां हैं?’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कभी व्यापमं घोटाले या ललित मोदी घोटाले या भाजपा शासित राज्यों में अन्य घोटालों की बात नहीं की.
हिमाचल के पोंटा साहिब, चंबा और नगरोटा में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा, ‘हम 2019 में सत्ता में आने पर जीएसटी में पूरी तरह बदलाव करेंगे ताकि इससे प्रभावित हुई जनता की परेशानियां कम हों.’ उन्होंने कहा कि आठ नवंबर को नोटबंदी को एक साल पूरा होने के मौके पर कांग्रेस के प्रस्तावित आंदोलन का उद्देश्य छोटे कारोबारियों, युवाओं, महिलाओं और किसानों की दुर्दशा को उजागर करना है जिन्हें सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.
चीन के साथ तुलना करते हुए राहुल ने कहा कि वह हर 24 घंटे में 50 हजार लोगों को रोजगार देता है, वहीं केंद्र सरकार केवल 450 लोगों को रोजगार देती है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रमुख जिम्मेदारी बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार निर्माण होना चाहिए. नोटबंदी पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को देश को बताना चाहिए कि इस प्रक्रिया में काला धन कहां मिला.
राहुल की टिप्पणी गैर जिम्मेदाराना : रविशंकर
केंद्रीय विधि एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जीएसटी पर राहुल गांधी की टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी ‘गब्बर सिंह टैक्स’ की टिप्पणी गैर जिम्मेदाराना है और अर्थव्यवस्था पर उनकी जानकारी संदिग्ध है. साथ ही उन्होंने कहा कि जिन लोगों के संदिग्ध खाते हैं, वही आधार का विरोध कर रहे हैं. आधार सर्वाधिक सुरक्षित पहचानपत्र है और यह 130 करोड़ में से 118 करोड़ लोगों के पास है जबकि बाकी लोग इसका विरोध कर रहे हैं. आधार कार्ड से लोगों की जवाबदेही बढ़ेगी और इससे निजता के उल्लघंन की बात बेमानी है.
ममता ने जीएसटी को बताया ‘ग्रेट सेल्फिश टैक्स’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीएसटी को लोगों का उत्पीड़न करने और अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए ‘ग्रेट सेल्फिश टैक्स’ (महा स्वार्थी कर) बताया. ममता ने केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना करते हुएकहा कि नोटबंदी एक आपदा थी.