अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान में पुस्तकालय के लिए फंडिंग करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाया है. उन्होंने कहा कि युद्धग्रस्त देश में इसकी कोई आवश्यकता नहीं है.
ट्रंप ने देश की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने को लेकर भारत और अन्य देशों की आलोचना भी की. भारत ने ट्रंप के इस बयान को खारिज कर दिया है.
आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुधवार को साल की पहली कैबिनेट बैठक में विदेशों में अमेरिकी निवेश कम करने के अपने रुख को सही ठहराया. इसके साथ ही भारत, रूस, पाकिस्तान और अन्य पड़ोसी देशों से अफगानिस्तान की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने को कहा.
ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी का उदाहरण देकर कहा कि दुनिया के नेता अपने योगदान का बखान कर रहे हैं जबकि उनका योगदान अमेरिका की ओर से खर्च किए गए अरबों डौलर के मुकाबले कहीं नहीं ठहरता. अमेरिका के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने मित्रवत संबंधों का जिक्र तो किया लेकिन अफगानिस्तान में पुस्तकालय के लिए भारत के धन मुहैया कराने की उन्होंने आलोचना भी की.
पुस्तकालय पर कहा, इतना तो हम 5 घंटे में खर्च कर देते हैं
गौरतलब है कि भारत अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल है. ट्रंप ने कहा, ‘मैं आपको मेरे, भारत और प्रधानमंत्री मोदी के साथ अच्छे तालमेल का उदाहरण दे सकता हूं, लेकिन वह लगातार मुझे बता रहे हैं कि उन्होंने अफगानिस्तान में पुस्तकालय बनवाया. पुस्तकालय! इतना तो हम (अफगानिस्तान में) पांच घंटे में खर्च कर देते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘और वह (मोदी) मुझे बताते हैं. वह बहुत समझदार हैं. हमें कहना चाहिए कि अरे! पुस्तकालय के लिए धन्यवाद, लेकिन मुझे यह समझ में नहीं आता कि अफगानिस्तान में कौन इसका इस्तेमाल कर रहा है? यह ऐसी कई बातों में से एक बात है. मुझे फायदा उठाया जाना पसंद नहीं है.’