6 प्रदेशों की 7 विधानसभा सीटों के चुनावों में सबसे चौंकाने वाला फेरबदल उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा सीट का रहा है. जहां भाजपा की जबरदस्त हार हुई. घोसी उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए भाजपा ने अपने पूरे घोड़े खोल दिए थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केशव प्रसाद मौर्य से लेकर एक दर्जन कैबिनेट मंत्री यहां डेरा ड़ाले रहे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री एके शर्मा कई अफसर और दलबदल कर भाजपा में आए ओम प्रकाश राजभर घोसी सीट पर चुनावप्रचार कर रहे थे.

भाजपा को इस हार की उम्मीद न थी. अभी 2022 के विधानसभा चुनाव में इन्हीं दारा सिंह चौहान को घोसी की जनता ने चुन कर विधानसभा भेजा था. उपचुनाव में दारा सिंह के साथ भाजपा का भारीभरकम संगठन, मंत्री और हाईकमान का चाणक्य जैसा दिमाग भी साथ था. कोढ़ में खाज यह कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का हिंदूविरोधी बयान भी था. इन सब के बाद भी भाजपा की हार हुई. समाजवादी पार्टी के नेता सुधाकर सिंह चुनाव जीत गए.

क्यों हुआ घोसी उपचुनाव

समाजवादी पार्टी के विधायक दारा सिंह चौहान के इस्तीफा देने के कारण घोसी में उपचुनाव हुआ. उपचुनाव के बोझ के लिए जनता दारा सिंह चौहान को ही जिम्मेदार मान रही थी. दारा सिंह चौहान की पहचान एक दबंग नेता की है. वे नौनिया चौहान नामक पिछड़ी जाति से आते हैं. करीब साढ़े 4 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक दारा सिंह चौहान पर कई आपराधिक मुकदमे लंबित हैं. उन पर चोरी, डकैती से जुड़े भी आरोप हैं. वैसे दारा सिंह चौहान का राजनीतिक कैरियर कांग्रेस से शुरू हुआ था.

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