प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक दूसरे को देख कर क्या मुस्कुराए कि बिहार के राजनीतिक गलियारों में हलचल और कानाफूसी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. मोदी और नीतीश का एक दूसरे को देख कर मुस्कुराना, हंस-हंस कर बातें करना और गर्मजोशी से हाथ मिलाने से कुछ लोगों के कलेजे पर सांप लोटने लगा है. इतना ही नहीं एक अप्रैल को जब नीतीश ने नरेंद्र मोदी के जुमले की तर्ज पर कहा- ‘न पीएंगे, न पीने देंगे’ तो कई लोगों के माथे पर बल पड़ गए हैं. मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद भ्रष्टाचार को खत्म करने का ऐलान करते हुए ‘न खाएंगे, न खाने देंगे’ का नारा दिया था. उन्हीं के सुर में सुर मिलाते हुए नीतीश ने बिहार में शराबबंदी का ऐलान करते हुए कहा कि न पीएंगे, न पीने देंगे.

पिछले 12 मार्च को प्रधानमंत्री हाजीपुर में दीघा-सोनपुर और मुंगेर रेल सह सड़क पुल का शिलान्यास करने और पटना हाई कोर्ट के शताब्दी समारोह में शिरकत करने बिहार पहुंचे थे. दोनों समारोहों में मोदी और नीतीश कुमार साथ-साथ मौजूद थे. दोनों समारोहो में मोदी ने नीतीश की जम कर तारीफ की. मोदी ने खुल कर कहा कि गांवों में बिजली पहुंचाने की योजना को तेज रफ्तार देने के लिए नीतीश ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है. एक हजार दिनों में 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था और 6 हजार गांवों मे बिजली पहुंचाई जा चुकी है.

मोदी के सुर में सुर मिलाते हुए नीतीश ने कहा कि प्रधनमंत्री के बिहार आने से लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं. वह बिहार की तरक्की के लिए बार-बार बिहार आते रहें. केंद्र और राज्य मिल कर काम करेंगे तो बिहार की विकास की गाड़ी तेजी से दौड़ने लगेगी.

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