सपा में मुलायम-अखिलेश विवाद पार्टी के अंदर का मामला भर नहीं है. इस पर देश के दो बड़े दलों कांग्रेस और भाजपा का चुनावी दांव टिका है. कांग्रेस और भाजपा इसी कारण अपने विधायक प्रत्याशियों के नाम की घोषणा नहीं कर रही है. भाजपा नेता इस विवाद से खुद को अलग बताते हुये इसकी आलोचना करते हैं तो भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह इस झगड़े के जल्द निपटने की उम्मीद कर रहे हैं. अपने जन्मदिन पर बात करते कल्याण सिंह ने कहा कि ‘पितापुत्र में झगड़ा ठीक नहीं है. वैसे यह झगड़ा जल्द सुलझ जायेगा.’

कल्याण के मन में मुलायम के प्रति दिखा प्रेम सहज था. कल्याण के बुरे वक्त में मुलायम ने उनका साथ दिया था. उत्तर प्रदेश की राजनीति में भाजपा को एक सर्वमान्य चेहरे की तलाश है. कल्याण सिंह इसके लिये मुफीद बैठते हैं. ऐसे में कल्याण के मुलायम प्रेम को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता. जिस तरह से लखनऊ में मौजूद न रहने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल्याण सिंह की तारीफ की, उससे भाजपा के कुछ बड़े नेता सर्तक हो गये हैं.

असल में भाजपा के लिये सबसे मुफीद है कि प्रदेश की जनता मुलायम की मुसलिम छवि और अखिलेश के खराब शासन के विरोध में भाजपा के पक्ष में वोट करे. खासकर मुसलिम बसपा और कांग्रेस में जा सकता है. भाजपा को मायावती के दलित-मुसलिम गठजोड़ से खतरा दिख रहा है. ऐसे में भाजपा के कुछ नेता अंदरखाने सपा के इस विवाद को सुलझाने में लगे हैं. जिससे चुनावी संघर्ष सपा-भाजपा के ही बीच रहे.

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