जब जीवनसाथी अधिक समय तक बीमार रहते हैं तो वह स्थिति बहुत कष्ट देने वाली होती है. कुछ लोग एकदूसरे से दूर भागने लगते हैं तो कुछ एडजस्ट कर लेते हैं. एक प्राइवेट अस्पताल के फिजियोथैरेपिस्ट डा. गौरव राज राघव कहते हैं कि मैं ने अपने कैरियर में बहुत से मामले देखे हैं जहां लोग लंबी बीमारी से जूझते हैं. मैं आप को कुछ ऐसे ही मामलों के बारे में बताता हूं.

प्राइवेट कालेज में पढ़ा रहे 35 साल के एक प्रोफैसर का शादी के 3 साल बाद ही ब्रेन हैमरेज हुआ और उन्हें पैरालेसिस हो गया. उन की पत्नी काफी सहयोगी थी. आर्थिक स्थिति भी उन लोगों की काफी अच्छी थी. परिवार का पूरा सपोर्ट था लेकिन वह व्यक्ति बहुत चिड़चिड़ाता था. अपनी बीवी पर बहुत गुस्सा होता था. उन का संबंध दिन पर दिन खराब होता जा रहा था. एक दिन तो उन्होंने गुस्से में डाक्टर के सामने अपनी बीवी का गला तक दबा दिया. शायद वे अपनी जिंदगी से हार चुके थे. उन का इलाज लगभग 4-5 सालों तक हमारे यहां चला, उसी बीच उन का तलाक भी हो गया.

38 वर्ष के एक सज्जन को स्पाइन में ट्यूमर था जिसे ठीक करने के लिए उन की 2 बार सर्जरी की गई. इस के बावजूद उन की हालत में कोई फर्क नहीं पड़ा. कई साल तक उन का इलाज चलता रहा. उन के 2 बच्चे थे. उन की पत्नी उन की देखरेख में लगी रहती थी. वह घर के साथ उन्हें भी संभाल रही थी. हां, कभीकभी निराशा में हम ने उसे जरूर देखा लेकिन उस की हिम्मत टूटते हुए कभी नहीं देखा. उस ने पति का पूरा सहयोग दिया.

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