क्या कभी आप की किसी ऐसे विपरीतलिंगी से मुलाकात हुई है जो आप को बहुत अच्छा महसूस कराए, ऊंचाइयों का एहसास कराए और आप पर भरपूर प्यार बरसाए, लेकिन कुछ दिनों में ही सबकुछ ठंडा पड़ जाए ऐसे, जैसे उस के जीवन में तुम्हारा कभी कोई महत्त्व ही नहीं रहा हो. आज की स्थिति में यही हो रहा है. आप इसे प्रेम की अग्निवर्षा कह सकते हैं. इस स्थिति से पढ़ेलिखे बुद्धिजीवी भी नहीं बच पा रहे हैं. इस प्रचलन से प्रभावित व्यक्ति थेरैपिस्टों के यहां लाइन लगाए खड़े हैं. अब ऐसा लगता है कि डेटिंग लोगों को करीब लाने के बजाय जोड़तोड़ की एक शृंखला है.

मनोचिकित्सक डेल आर्चर इस तरह के प्रेम के बारे में कहते हैं, ‘‘इसे हम ‘कंडीशनिंग लव’ का एक रूप कह सकते हैं. यह स्थिति प्रेम की आंधी ले कर आती है. इस स्थिति में पीडि़त व्यक्ति कोई शक नहीं कर पाता क्योंकि उसे अत्यधिक सम्मान, प्रेम, आकर्षण तथा भरपूर प्रशंसा मिलती है. लेकिन कुछ दिनों बाद ही उसे ऐसे छोड़ दिया जाता है कि उसे सोचनेसमझने का भी समय नहीं मिलता.’’

बनावटी लगन : आर्चर इस स्थिति का वर्णन करते हुए कहते हैं, ‘‘अगर अचानक आप से कोई प्रेम करने लगे तो आप को होशियार हो जाना चाहिए. इस स्थिति में आप का सहयोगी आप पर अत्यधिक प्यार लुटाएगा, आप का खूब सम्मान करेगा तथा आप की काफी प्रशंसा करेगा. इस स्थिति को भांप कर स्वयं सोच कर देखें ताकि आप के साथ कोई अनहोनी न हो, क्योंकि यह आप के प्रति बनावटी लगन है.’’

खुद को कैसे संभालें : जब आप को यह मालूम हो जाए कि आप इस तरह के प्रेमजाल में फंस चुके हैं तो परेशान न हों. इस संबंध में जानेमाने मनोचिकित्सक और व्यवहार विज्ञान के प्रोफैसर जौय पियरे कहते हैं, ‘‘इस तरह के लोग आत्मविश्वासी, महत्त्वाकांक्षी व आकर्षक व्यक्तित्व के धनी होते हैं. उन्हें उन के व्यवहार तथा बोलचाल की भाषा से पहचान पाना आसान नहीं होता, क्योंकि वे अपना असली रंग तभी दिखाते हैं जब उन्हें यकीन हो जाता है कि आप पूरी तरह उन पर निर्भर हो गए हैं.’’

इस संबंध में रिलेशनशिप विशेषज्ञ रजत खुराना का कहना है, ‘‘बनावटी प्रेमियों की खासीयत यह है कि वे वैसा ही करते हैं जैसा सहयोगी चाहता है. यदि उन का शिकार उन्हें समझ पाता है या उन का मूल्यांकन सही नहीं कर पाता है तो दंड के तौर पर वे अपना ध्यान उस से पूरी तरह हटा लेते हैं और अपने संबंध समाप्त कर लेते हैं जोकि भुक्तभोगी के लिए झकझोर देने वाली घटना होती है.’’

बदलता रूप : समाजशास्त्री शिव विश्वनाथन का कहना है, ‘‘वर्तमान पीढ़ी के लिए डेटिंंग एक शातिर दिमाग का खेल है. डेटिंग अब प्रेम की पर्याय नहीं, बल्कि शिकार की पर्याय बन चुकी है. इस के जरिए जब कोईर् पुरुष किसी महिला का शिकार करता है तो यह उस के भीतर के गुस्से का एक रूप होता है.

‘‘जितना हम उन्नतशील हुए हैं, उतना ही हमारा व्यवहार आदिम हो गया है. रोमांस अब मायावी हो गया है. इस डिजिटल युग में एक अमूर्त भावना से प्यार है.  ‘‘आज के युवाओं में विवेक नहीं है, और न ही उन में अपनी भावनाओं को प्रदर्शित करने की कोई बेहतर जानकारी है. आधुनिक मानव की प्रवृत्ति पशुओं के शिकार करने की प्रवृत्ति के समान हो गई है.’’

दरअसल, किसी भी प्रकार का प्रेम दोनों सहयोगियों से एक प्रकार का समर्पण चाहता है. लेकिन आज की गलाकाट प्रतिस्पर्धा के युग में जहां मैं और मेरा का सिद्धांत लागू है वहां सच्चा प्रेम कोई अहमियत नहीं रखता. यहां प्रेम कुछ नहीं बढ़ाता, मानव का अहं जरूर बढ़ा देता है. इस से बदतर और क्या होगा कि इस मानसिक खेल में कोई किसी का दिल नहीं, बल्कि दिमाग जीतना चाहता है. इस तरह के प्रेमजाल में उलझने से खुद को, दूसरों को और अपने प्रियजनों को भी बचाएं.

प्रेमजाल के प्रकार : मौजूदा डेटिंग की दुनिया में 2 परिस्थितियां लोकप्रिय हो गई हैं. पहली स्थिति में सहयोगी कुछ समय के लिए स्नेह दिखाता है और फिर बिना किसी स्पष्टीकरण के अचानक गायब हो जाता है. दूसरी स्थिति वह होती है जब आप कभी भी सुनिश्चित नहीं होते कि आप का साथी आप के साथ है या नहीं, आप को प्यार करता है या नहीं. ये लोग लंबे समय तक अपनी चुप्पी से लटकाए रखते हैं. लेकिन जब आप उन्हें छोड़ने का मन बना लेते हैं तो वे बोलने लगते हैं.

क्या आप जानते हैं : साइकोलौजी टुडे में लिखा है कि कुख्यात पंथ नेता जिम जोंस, चार्ल्स मैनसन और डेविड कोरेश प्रेमबमबारी को अनुसूचित जनजाति की आत्महत्या और हत्या के लिए इस का इस्तेमाल एक हथियार के रूप में करते थे. दलाल और गुट के नेता प्रेमबमबारी को संगठन के वफादार और आज्ञाकारियों के लिए भी प्रयोग करते थे. आजकल लव जिहाद इसी श्रेणी में गिना जाने लगा है.

बेहतर यही है कि आप बनावटी या फरेबी प्रेमियों से बच कर रहें और अपनी पढ़ाई या कारोबार पर विशेष ध्यान दें.

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