चीन से निकला एक वीडियो गेम आजकल दुनिया के कई देशों काफी लोकप्रिय है. भारतीय बच्चों को यह गेम डराता है क्योंकि इस गेम में दिखने वाली टाइगर मॉम अपने डिजिटल बच्चे के आगे एक कठोर लक्ष्य रखती है और अगर डिजिटल बच्चा उस लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाता है तो मां उसका वध करके दूसरा डिजिटल बच्चा पैदा करती है और उसके सामने भी वही लक्ष्य रखती है. जब तक उसका कोई डिजिटल बच्चा उस मिशन को पूरा नहीं कर लेता, तब तक बच्चों का वध चलता रहता है. ऐसा गेम हम भारतीय माएं तो डर के मारे अपने बच्चों को खेलने न दें, लेकिन चीनी माएं अपने बच्चों को ऐसे ही गेम्स खेलने के लिए प्रेरित करती हैं. चीनी बच्चे भी इस तरह के गेम्स खूब चाव से खेलते हैं और उसमें जीतने के लिए पूरी ताकत लगा देते हैं.
आखिर अपने बच्चों के लिए ऐसे गेम्स चीन क्यों बनाता है? दरअसल इस तरह के खेल चीनी बच्चों के लिए महज खेल नहीं होते, बल्कि उनके जीवन-लक्ष्य को प्राप्त करने का एक ऐसा रास्ता है, जिनके जरिए उनके अंदर दृढ़ संकल्प पैदा होता है. अनुशासन और कठोर श्रम के साथ लक्ष्य तक पहुंचने की जिद बच्चे में पैदा करने के लिए चीनी माएं टाइगर मॉम बन जाती हैं. यही वजह है कि आज दुनिया के देशों पर चीनी प्रतिभा छायी हुई है.
एक रिपोर्ट के अनुसार अमरीका में ज्यादातर टॉप जॉब्स में चीनी युवा आसीन हैं. पढ़ाई के लिए अमरीका या अन्य यूरोपीय देशों में जाने वाले दस चीनी बच्चों में से सात बच्चे वापस ही नहीं लौटते, क्योंकि विदेश में उनके उत्कृष्ठ प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें टॉप जॉब्स में आसानी से टॉप पोजिशन हासिल हो जाती है.