एक सिंगल मदर के लिए अकेले अपने दम पर बच्चे का पालनपोषण कर उसे काबिल बनाना आसान नहीं है, मगर वह हिम्मत से काम ले तो न केवल अपने मकसद में सफल होती है वरन दूसरों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनती है कुछ इस तरह-

काम और बच्चे के साथ रिश्ते भी सहेजिए:  क्या आप भी औफिस के हैप्पी आवर्स, सहेली की बर्थडे पार्टी, बिना तैयारी की डेट जैसे मौकों को बच्चे या टूटे दिल के कारण बैकसीट पर छोड़ देती हैं? इसी तरह कभी डाक्टर की अपौइंटमैंट तो कभी ब्यूटी पार्लर जाना भी टाल जाती हैं? यह सही है कि सिंगल पेरैंट होने के नाते आप का फिजिकली और इमोशनली हमेशा अपने बच्चे के साथ रहना जरूरी है, मगर इस की वजह से समाज से कटना और जरूरतों को टालना उचित नहीं.

कभीकभी अपने मातृत्व के उत्तरदायित्व से मुक्त हो कर थोड़ा वक्त अपने लिए बिताना जरूरी है ताकि आप की ऐनर्जी की बैटरी रिचार्ज होती रहे और बेहतर ढंग से अपना उत्तरदायित्त्व निभा सकें.

अपनी सकारात्मकता बनाए रखें और जिंदगी में आगे बढ़ने के रास्ते खुले रखें. लोगों से मिलेंजुलें, लोगों के बीच सिर उठा कर घूमें. आप को छिपने या अपने लिए दुखी होने की कोई जरूरत नहीं है.

कम्यूनिटीज की सपोर्ट ढूंढें: सिंगल मदर्स अकसर खुद को अकेला, परेशान महसूस करती हैं. उन्हें लगता है कि वे अकेली हैं पर यह सोच उचित नहीं. आप सिंगल मदर्स से जुड़ी कम्यूनिटीज जैसे पेरैंट्स विदाउट पार्टनर्स, सिंगल मौम्स कनैक्ट और्गेनाइजेशन जैसी संस्थाओं की सदस्या बन सकती हैं. दोस्त, पड़ोसी और आप के जैसी सिंगल मदर्स भी आप का सपोर्ट सिस्टम बन सकती हैं. आप औनलाइन भी किसी कम्यूनिटी की मैंबर बन कर सपोर्ट पा सकती हैं.

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